वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने अपनी सेवाएं की बंद

ख़बरें अभी तक। वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने अपनी सेवा 25 साल बाद अस्थायी तौर पर बंद कर दी है। करीब 8 हजार करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी जेट एयरवेज देश की पहली निजी एयरलाइंस थी, लेकिन समय के साथ हवाई उड़ानों के सस्ता होने के बाद जेट एयरवेज की माली हालत खराब होती गई. जिस कारण कंपनी के 14 हज़ार से ज़्यादा कर्मचारियों को दो महीनों से सैलरी नहीं दी गई है.

जेट एयरवेज के पायलटों और क्रू मेंबर्स को करीब छह महीने से मेहनताना नहीं मिल रहा है, फिर भी कंपनी के स्टाफ बिना सैलरी के काम कर रहे हैं. इन कर्मचारियों को उम्मीद है कि एक दिन कंपनी की तरफ से उन्हें उनके कामों का मेहनताना दिया जाएगा.

जेट एयरवेज की उड़ाने कैंसल होने से लोगों का गुस्सा जेट एयरवेज के काउंटर पर फूट रहा है। यहां पैसेंजर्स को कंपनी के द्वारा कोई मदद नहीं की जा रही है जिससे लोगों की परेशानी और बढ़ गई है. कुछ यात्रियों को फ़ोन पर फ्लाइट कैंसिल होने का मैसेज भी मिला है, बता दें कि यात्रियों को जेट एयरवेज की तरफ से कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने जेट की सेवाएं बंद करने की घोषणा के कुछ देर बाद जारी ट्वीट में कहा कि वह जेट की परेशानी का समाधान और समर्थन करेगा. आज दोपहर दो बजे जंतर-मंतर पर जेट एयरवेज के कर्मचारी प्रार्थना के लिए एकत्रित हो रहे हैं. यहां ये लोग जेट एयरवेज के फिर से सुचारू होने और गति पकड़ने के लिए प्रार्थना करेंगे.