कल से शुरु हो रहे हैं मां नवदुर्गा के चैत्र मास के नवरात्रे, जानिए कलश स्थापना और पूजा का शुभ मुहुर्त….

खबरें अभी तक। हिन्दू धर्म के अनुसार माता दुर्गा को आदिशक्ति कहा जाता है और शक्तिदायिनी मां दुर्गा की पूजा करने के लिए चैत्र नवरात्र  और शारदीय नवरात्र काफी शुभ माना गया है। भारत में चैत्र का नवरात्रा इसलिए खास होता है क्योंकि एक तो नई साल की शुरूआत होता है और दूसरा इस महीने में मां दुर्गां की आराधना की जाती है। सभी को पता है कि मां दुर्गां अपने भक्तों का कल्याण करती है और असुरो का संहार करती है। हिंदू धर्म में नवरात्र का महीना बहुत ही पवित्र और नए कार्य को करने के लिए शुभ माना जाता है। वैसे तो नवरात्र साल में चार बार आता है। नवरात्र चैत्र, आषाढ, आश्विन और माघ के महीनों में आता है लेकिन चैत्र का नवरात्र खास इसलिए होता है क्योंकि यह हिंदु नववर्ष के शुरूआत में आता है और जब साल की शुरूआत मां दुर्गां के आराधना से हो तो यह खास तो होगा ही ना। इसके साथ ही बंसत ऋतु का मौसम होने के कारण चारों और का वातावर मनोरम तथा मनोहर होता है जिस वजह से चैत्र का नवरात्र  और भी खास बन जाता है।

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हिंदू मान्यता के अनुसार जो भी भक्त देवा मां के आराधाना इन दिनों करते हैं वे सुख और आनंद प्राप्त करते हैं। नवरात्र  के नव दिन को महीने का सबसे पवित्र दिन माना जाता है और लोग इस दिन देवी मां की पूजा करते हैं तथा तरह-तरह के भोग लगाते हैं। कुछ लोग इन दिनों में यह मानते हैं कि उपवास के साथ साथ देवी मां की आराधना करने से देवी मां की कृपा सदैव बना रहता है। लोग देवी मां की पूजा करने के साथ साथ साफ सफाई का भी विशेष ध्यान देते हैं। कहते हैं न कि विज्ञान और आस्था में जमीन आसमान का फर्ख होता है लोग कभी कभी आस्था को विज्ञान के सामने झुठला देते हैं लेकिन हमारे देश में कई बार आस्था को विज्ञान के सामने जीतते हुए देखा गया है। हम विज्ञान को कभी झुठला नहीं सकते क्योंकि इसने आधुनिक सामाज को बहुत कुछ दिया है जिससे मानव जीवन बहुत ही आसान हो गया है लेकिन कई बार आस्था की जीत हो जाती है तभी तो आपने अक्सर डॉक्टर को यह कहते सुना होगा कि हम तो पूरी कोशिश करेंगे आगे भागवान की मर्जी।

लोगों की आस्था का सम्मान

हम जानते हैं कि भारत जैसे देश में कई प्रकार के धर्मों के मानने वाले लोग रहते हैं और सबको अपने अपने धर्म पर आस्था और विश्वास है ठीक उसी तरह से हिंदू धर्म के मानने वाले लोग को भी देवी मां की महिमा पर विश्वास है इसलिए मेरे अनुसार नवरात्र में उपवास रखना सही है क्योंकि ये आपके आसथा का सवाल है। आपका हक है आपके और आपके भगवान के बीच में कोई नहीं आ सकता। इस प्रकार से कहा जा सकता है कि चैत्र  का महीना हिंदू धर्म के लोगों के लिए बेहद खास होता है।

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त लाभ एवं अमृत चौघड़िया तथा शुभ अभिजीत मुहुर्त्त में किया जाना अति उत्तम होता है। इस वर्ष प्रातःकाल 07:20 बजे से 08:53 बजे तक शुभ चौघड़िया में सर्वोत्तम है। यदि किसी कारण नही कर पाए तो अभिजीत मुहूर्त्त एवं मध्यान्ह 11:30 से 12:18 बजे तक किया जाना उत्तम होगा। वैसे इस वर्ष घटस्थापना सुबह सूर्योदय से दोपहर 02:58 से पूर्व प्रतिपदा तिथि में किया जा सकता है।

इस प्रकार प्रतिपदा 6 अप्रैल 2019 को सूर्योदय 5 बजकर 47 मिनट से शुरु होगी। जो 12 अप्रैल 2019 दिन शुक्रवार को सुबह 10:18 बजे से 13 अप्रैल दिन शनिवार को सुबह दिन में 08:16 बजे तक अष्टमी तिथि होगी उसके बाद नवमी तिथि लग जायेगा। 13 अप्रैल दिन शनिवार को महानवमी का व्रत होगा क्योंकि 13 अप्रैल को सुबह 08:16 बजे के बाद ही नवमी तिथि लग जायेगी जो 14 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक ही विद्यमान रहेगी अतः नवमी तिथि में ही नवरात्र सम्बंधित हवन -पूजन 14अप्रैल को प्रातः 06:00 बजे के पूर्व किसी भी समय किया जा सकता है । नवरात्र का पारण दशमी तिथि 14 अप्रैल दिन रविवार को प्रातः काल 6 बजे के बाद किया जाएगा। साथ ही 13 अप्रैल दिन शनिवार को मध्यान्ह नवमी तिथि होने के कारण प्रभु श्री राम की जयतीं यानी रामनवमी का पुण्य पर्व भी मनाया जायेगा।