पद्मावत को लेकर औवेसी ने दिया बड़ा बयान

खबरें अभी तक। एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने ‘पद्मावत’ फिल्‍म पर जारी विवाद के बीच जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस फिल्‍म के विरोध में राजपूतों के विरोध के बाद सरकार को एक कमेटी का गठन करना पड़ा. कमेटी की सिफारिशों के बाद फिल्‍म के नाम में तब्‍दीली की गई और कई सीनों को हटा दिया गया. देश की आबादी में राजपूतों की आबादी महज 4 प्रतिशत है. यह उनकी ताकत ही है कि सरकार को उनकी मांगों के सामने झुकना पड़ा. इसकी तुलना में मुस्लिमों की आबादी 14 प्रतिशत है लेकिन वह बेबस है. सरकार उनको नजरअंदाज करते हुए मनमाने तरीके से तीन तलाक पर कानून बना रही है. इस मामले में मुस्लिमों के पक्ष को सुनने के लिए कोई कमेटी का गठन नहीं किया गया.

ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के हक की बात कह कर जो बिल लाया गया है, यह तो महज एक बहाना है. असली निशाना शरियत है. इसके साथ ही उन्‍होंने तीन तलाक से पीडि़त महिलाओं की गुजर-बसर के लिए हर महीने 15 हजार रुपये के बजटीय प्रावधान की बात भी कही. ओवैसी के मुताबिक सरकार को बजट में यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिन महिलाओं को तीन तलाक दिया गया है, उनको हर महीने 15 हजार रुपये गुजारे के लिए मिले. उन्‍होंने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि 15 लाख नहीं तो 15 हजार ही दे दो मित्रों.

उन्‍होंने मुस्लिम नौजवानों से पद्मावत फिल्‍म नहीं देखने की अपील की.