हार्ट अटैक का कारण बन सकता है कम उम्र में पीरियड्स आना

खबरें अभी तक। वर्तमान समय की भागदौड़ भरी जिंदगी में हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी बीमारी होेने का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ गया है। हाल ही में आई रिसर्च में साफ हुआ है कि जिन महिलाओं को बहुत जल्दी पीरियड्स शुरू हो जाते हैं और जिन महिलाओं को जल्दी मैनोपॉज हो जाता हैं, उनमें हार्ट अटैक और हार्ट से जुड़ी बीमारी होने का खतरा ज्यादा रहता है।

अमेरिका की आॅक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी में हुई इस रिसर्च में कहा गया है कि कम उम्र में पीरियड्स का शिकार होने वाली महिलाओं को इसके बारे में जानकारी होनी चाहिए। रिसर्च में यह भी कहा गया है कि एंडोमेट्रियोसिस विकार रहित महिलाओं की तुलना में इसका शिकार हुई महिलाओं को हार्ट अटैक का ज्यादा खतरा होता है। रिसर्च टीम ने में करीब 267,000 से अधिक महिलाएं पर ये सर्वे किया है। जिसमें पता चला है कि ये महिलाएं स्वस्थ थीं और उनके हृदय रोग का कोई इतिहास नहीं था, बावजूद इसके ये महिलाएं हद्य रोग का शिकार हुई हैं।

इतना ही नहीं, जिन महिलाओं को दर्दनाक और भारी मात्रा में पीरियड्स का सामना करना पड़ता है, उन महिलाओं में भी हार्ट के जोखिम की संभावना तीन गुना अधिक होती है। यह जानकारी एक शोध से सामने आई है। भारी और पीड़ादायक मेंस्ट्रुअशन डिस्‍ऑर्डर एंडोमेट्रियोसिस के कारण होती है। इस समस्‍या के कारण गर्भाशय के टिश्‍यू की असामान्य वृद्धि होने लगती है।

महिलाओं में हार्ट के लक्षण

  • हार्ट अटैक के समय पुरुषों की तुलना में महिलाओं में जी मिचलाना, उलटी या अपचन जैसे लक्षण अधिक दिखाई देते हैं। यह अक्सर इसलिए होता है क्योंकि दिल को रक्त पहुंचाने वाली दायीं धमनी जो दिल में गहराई तक जाती है, अवरुद्ध हो जाती हैं।
  • गर्दन, पीठ, दांत, भुजाएं और कंधे की हड्डी में दर्द होना हार्ट अटैक के लक्षण हैं। इसे ‘रेडीएटिंग’ दर्द कहते हैं। यह इसलिए होता है क्योंकि दिल की कई धमनियां यहां समाप्त होती हैं जैसे उंगलियों के पोर जहां दर्द केंद्रित होता है।
  • चक्कर आना या सिर घूमना हार्ट अटैक का एक अन्य लक्षण है। यह हृदय को जाने वाली एक शिरा में अवरोध होने के कारण होता है।
  • महिलाओं में हार्ट अटैक का लक्षण केवल सीने में दर्द नहीं हो सकता परंतु निश्चित तौर पर ऐसा होता है। लक्षणों पर ध्यान देने के बजाय यदि आप को कुछ नए लक्षण महसूस हो रहे हैं और वे दूर नहीं हो रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। डॉक्टरों के अनुसार बाद में पछताने से अच्छा है कि सुरक्षित रहें।
  • यदि आप रजोनिवृत्ति के दौर से नहीं गुजर रही हैं और फिर भी आपको अचानक पसीना आने लगे तो संभल जाएं। इस लक्षण की अनदेखी ना करें तुरंत अपने नजदीकी अस्पताल या डॉक्टर से संपंर्क करें।