सर्जिकल स्ट्राइक पार्ट 2 : इन खुबियों के कारण किया गया मिराज का इस्तेमाल

ख़बरें अभी तक। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर एक बड़ी कार्रवाई की। वायुसेना के 12 मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने एलओसी पार करके बालाकोट इलाके में जैश के ठिकानों को तबाह कर दिया। इसे भारत में सर्जिकल स्ट्राइक 2 कहा जा रहा है।
इस एयर स्ट्राइक के लिए मिराज की कुछ खास खुबियों की वजह से इसका इस्तेमाल किया गया था
फ्रांस के कंपनी ‘डासो एविएशन’ के बनाए गए मिराज-2000 ने 10 मार्च 1978 को पहली उड़ान भरी थी। इसी कंपनी ने रफ़ाल भी बनाया है। भारत ने 80 के दशक में पहली बार मिराज-2000 खरीदा था। भारत के अलावा 9 देशों की एयकफोर्स के पास मिराज 2000 है।

मिराज 2000 की खास क्षमता

भारतीय वायुसेना की रीढ़ समझे जाने वाले मिराज- 2000 लड़ाकू विमान डीप पेनिट्रेशन स्ट्राइक करने की क्षमता रखते हैं। ये दुनिया के सबसे ताकतवर लड़ाकू विमानों में 10 पायादान पर है।
यह लड़ाकू विमान किसी भी देश में भीतर तक जाकर बिना रडार की पकड़ में आए टारगेट को ध्वस्त कर सकता है
मिराज 2000 में हथियारों को ले जाने के लिए नौ हार्डपॉइंट दिए गए हैं, जिसमें पांच विमान के नीचे और दो दोनों तरफ के पंखों पर दिया गया है। सिंगल-सीट संस्करण भी दो आतंरिक हैवी फायरिंग करने वाली 30 मिमी बंदूकों से लैस है। हवा से हवा में मार करने वाले हथियारों में एमआईसीए मल्टी गेट एयर-टू-एयर इंटरसेप्ट और कॉम्बैट मिसाइलें शामिल है। इसके अलावा भी यह कई प्रकार के हथियार ले जाने में सक्षम है।
मिराज लड़ाकू विमान 554 ऑटोकैन से लैस है, जिसमें 30 मिमी रिवॉल्वर प्रकार की तोप हैं। ये तोप 1200 से लेकर 1800 राउंड प्रति मिनट की दर से आग उगल सकते है। मिराज-2000 विमान की लंबाई 47 फीट और इसका वजन 7500 किलो है। मिराज-2000 की अधिकतम रफ्तार 2,000 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह विमान 13800 किलो गोला बारूद के साथ भी 2336 किमी प्रति घंटा की स्पीड से उड़ सकता है।