नहीं रहे हिंदी के प्रख्यात साहित्यकार और आलोचक नामवर सिंह

खबरें अभी तक। मशहूर साहित्यकार नामवर सिंह अब नही रहे।दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में मंगलवार को उनका निधन हो गया। 93 वर्षीय नामवर सिंह पिछले कई दिनों से वे बीमार चल रहे थे, उन्होंने मंगलवार की रात 11 बजकर 51 मिनट पर अंतिम सांस ली। डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ था । हिंदी साहित्य जगत में उनका अहम योगदान रहा। प्रख्यात साहित्यकार और आलोचक के रुप में नामवर सिंह को जाना जाता था । उन्हें 1971 में साहित्य अकादमी सम्मान से नवाजा गया था। हिंदी साहित्य में उन्होंने कविताएं, कहानियां, आलोचनाएं, विचारधाराएं कई सारी चीजें लिखी हैं।राजनीति की ओर रुख

नामवर ने लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था । 1959 में चकिया चन्दौली के लोकसभा चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार रूप में चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें इसमें हार मिली थी।

प्रसिद्ध पुस्तकें

उन्होंने समीक्षा, छायावाद, औऱ विचारधारा जैसी किताबें लिखीं हैं जो बेहद चर्चित है। इनके अलावा उनकी अन्य किताबें इतिहास और आलोचना, दूसरी परंपरा की खोज, कविता के नये प्रतिमान, कहानी नई कहानी, वाद विवाद संवाद आदि मशहूर हैं। उनका साक्षात्कार ‘कहना न होगा’ भी सा‍हित्य जगत में लोकप्रिय है। आलोचना में उनकी किताबें पृथ्वीराज रासो की भाषा, इतिहास और आलोचना, कहानी नई कहानी, कविता के नये प्रतिमान, दूसरी परंपरा की खोज, वाद विवाद संवाद आदि मशहूर हैं।