हिमाचल में पंजाबी को दूसरी भाषा का दर्जा देने की उठी मांग

ख़बरें अभी तक। हिमाचल प्रदेश में पंजाबी भाषा को दूसरी भाषा का दर्जा न मिलने से सिक्ख समाज ने सरकार के खिलाफ बिगुल बजा दिया है। श्री गुरु नानक देव जी के बंशज और संत समाज के अध्यक्ष बाबा सर्वजोत सिंह बेदी ने प्रदेश सरकार से पंजाबी भाषा को दूसरी भाषा का दर्जा देने की मांग उठाई है।

श्री गुरु नानक देव जी के बंशज और संत समाज के अध्यक्ष बाबा सर्वजोत सिंह बेदी ने कहा कि हिमाचल सरकार संस्कृत को दूसरी भाषा का दर्जा देने जा रही है लेकिन सिक्ख समाज की लंबे अरसे से पंजाबी को दूसरी भाषा का दर्जा देने की मांग को अनदेखा कर दिया गया है। बाबा बेदी ने कहा कि संस्कृत भाषा का हिन्दुस्तान की संस्कृति के साथ विशेष नाता है और संस्कृत के प्रति हमारा कोई विरोध भी नहीं है। जबकि सिक्ख ग्रंथो में भी संस्कृत के श्लोको को पंजाबी में लिखा गया है। बाबा बेदी ने कहा है की पंजाबी विश्व में बोले जाने वाली भाषा है और हिमाचल में ज्यादातर हिस्सों में इसे बोला जाता है। बाबा बेदी ने प्रदेश सरकार से पंजाबी को दूसरी भाषा का दर्जा देने की मांग उठाई है।

बाबा बेदी ने कहा कि चुनावों के समय राजनितिक पार्टियों द्वारा हमें वायदे कर वोट देने को कहा जाता है लेकिन चुनावों के बाद सब भूल जाते है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस विषय पर दोबारा विचार नहीं किया गया तो सिक्ख समाज को ऐसा करने वाली राजनितिक पार्टी का बायकाट व नोटा का बटन दबाने के लिए मजबूर होना पडेगा।