संकट में पड़ी नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला की कुर्सी, अब इस विधायक ने छोड़ा साथ

खबरें अभी तक। परिवार में पड़ी फूट अभय चौटाला के लिए हर तरफ से मुसीबतें लाती दिखाई दे रही है. जहां जींद उपचुनाव के बाद बीएसपी गठबंधन तोड़ने की बात कर रही है तो वहीं जींद में हार का असर और गहरा होता जा रहा है. अब विधायक पृथ्वी नंबरदार दुष्यंत चौटाला के साथ जेजेपी का दामन थाम चुके हैं.

इनेलो विधायक के जेजेपी में शामिल होने से अभय चौटाला की नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर संकट आ सकता है. इस समीकरण को कुछ इस तरह समझे कि जींद उपचुनाव में कृष्ण मिड्ढा की जीत के बाद हरियाणा विधानसभा में बीजेपी विधायकों की संख्या अब 48 हो चुकी है. इससे पहले ये सीट इनेलो के खाते में आती थी.

2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 47, इनेलो को 19 और कांग्रेस को 15 सीटें मिली थी. लेकिन हरियाणा जनहित कांग्रेस के इंडियन नेशनल कांग्रेस में विलय होने के बाद कुलदीप बिश्नोई और रेणुका बिश्नोई कांग्रेस विधायक हो गए और इनकी संख्या 17 हो गई.

वहीं इनेलो के 19 विधायकों की संख्या उस वक्त कम हुई. जब जींद विधानसभा से इनेलो विधायक डॉ. हरिचंद मिड्ढा का निधन हो गया. इसी सीट पर जब उपचुनाव हुए तो डॉ. हरिचंद मिड्ढा के बेटे ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इस तरह से इनेलो की एक सीट कम हुई और सदन में विधायकों की संख्या 18 हुई.

तो वहीं पेहवा से इनेलो विधायक जसविंदर सिंह संधू का भी निधन हो गया. जिससे सदन में इनेलो के विधायकों की संख्या 17 हो गई है. इस तरह से विधानसभा में कांग्रेस और इनेलो विधायकों की संख्या 17-17 रह गई है.

अब मौजूदा हालात में नेता प्रतिपक्ष का पद दिलचस्प हो गया है. ऐसे में अगर कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष के पद को लेकर दावा ठोंक दे तो बाजी उसके हाथ लग सकती है. इसको लेकर विधानसभा स्पीकर कंवरपाल गुर्जर भी साफ कर चुके हैं कि अगर नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए दावा किया जाता है तो वो उस पर विचार किया जाएगा.