प्रणब मुखर्जी, नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को भारत रत्न

ख़बरें अभी तक। केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के विचारक नानाजी देशमुख और गायक भूपेन हजारिका को भारत रत्न देने का ऐलान किया है। बता दें कि भूपेन हजारिका और नानजी देशमुख को मरणोपरांत भारत रत्न दिया दिया जा रहा है।इन नामों का ऐलान गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया है।

प्रणव मुखर्जी

पूर्व राष्ट्रपति और देश के वित्त मंत्री रहे प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल में हुआ था। उनका सांसद बनने का राजनीतिक सफर सन् 1969 में कांग्रेस पार्टी द्वारा राज्यसभा सदस्य चुने जाने के बाद शुरू हुआ है। लंबे समय तक कांग्रेस के एक वफादार नेता के तौर पर प्रणब दा ने अपनी पार्टी की सरकार में कई अहम मंत्रालय संभाला।

पहली बार 1984 में प्रणब मुखर्जी को देश का वित्त मंत्री बनाया गया। इसके बाद नरसिम्हा राव सरकार में उन्होंने 1995 से लेकर 1996 तक विदेश मंत्री के रूप में भी काम किया। यही नहीं 2004 और 2009 की UPA 1 और UPA 2 सरकार में उन्हें अहम पदों का कार्यभार सौंपा गया। उन्होंने 25 जुलाई 2012 को भारत के 13वें राष्ट्रपति के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली।

नानाजी देशमुख

11 अक्टूबर 1916 को महाराष्ट्र के परभानी जिले के कडोली गांव में नानाजी देशमुख जा जन्म हुआ था इन्हें संघ के एक बड़े विचारक के रुप में भी जाना जाता है साथ ही जनसंघ के संस्थापक संदस्यों में से भी ये एक हैं।

बताया जाता है कि 1977 में जब जनता पार्टी की सरकार बनी तो उन्हें मोरारजी देसाई मंत्रिमंडल में शामिल होने का न्योता दिया गया। मगर उन्होंने इस पद को बिना देर किए ही ठुकरा दिए और इसके पीछे का कारण बताया की 60 वर्ष से अधिक की उम्र के लोगों को सरकार से बाहर रहकर समाजिक कार्य करने चाहिए।

इन्होंने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के 500 गांवों में पुनर्निर्माण कार्यों में अपना विशेष योगदान दिया है साथ ही आचार्य विनोभा भावे के द्वारा शुरू किये गये भूदान आंदोलन में भी इनकी सक्रिय भूमिका थी। नानाजी का निधन 93 साल की उम्र में 27 फरवरी 2010 को चित्रकूट में हुआ था। उनकी इच्छा के मुताबिक उनके पार्थिव शरीर को ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) को स्वेच्छा से दान में दे दिया गया था।

भूपेन हजारिका

भूपेन हजारिका जी का जन्म 8 नवंबर 1926 में पूर्वोत्तर राज्य असम में हुआ था। वो बहुमुखी प्रतिभा के गीतकार, संगीतकार और गायक थे, सिर्फ इतना ही नहीं वे असमिया भाषा के कवि, फिल्म निर्माता, लेखक और असम की संस्कृति और संगीत के अच्छे जानकार भी थे। उन्हें दक्षिण एशिया के श्रेष्ठतम जीवित सांस्कृतिक दूतों में से एक माना जाता है भूपेन हजारिका की सबसे बड़ी खास बात थी की वे समाज के तमाम गंभीर मुद्दों को अपनी फिल्मों और संगीत के माध्यम से बड़ी ही सरलता के साथ व्यक्त करते थे।