ख़बरें अभी तक। देहरादून के दून महिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आयी है। यह मामला बुधवार सुबह 10 बज़े का है जिस समय बारिश के दौरान अस्पताल में बिजली चली गयी थी। इसी दौरान लेबर रूम में भर्ती महिलाओं को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई।अस्पताल में बिजली न होने की वजह से डॉक्टरों ने मोमबत्ती और मोबाइल की रोशनी में नौ डिलीवरी करवाई। जब अस्पताल में अधिकारियों से इस बारे में बात कि गई तो उन्होंने बताया कि अस्पताल के जनरेटर में तकनीकी खराबी आ गई थी। इसलिए मोबाइल फोन और मोमबत्ती की मदद से डिलिवरीयां करवाई गयी। गार्ड ने जब इसकी सूचना महिला अस्पताल की सीएमएस को दी गई उसके बाद उन्होंने इस सूचना को दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के एमएस डॉक्टर केके टम्टा को दी।
जब ये जानकारी केके टम्टा ने सुपरवाइजर और तकनीशियन इंचार्ज को दी तो उन्होंने बारिश का हवाला देते हुए जनरेटर ठीक करने से इंकार कर दिया। डॉक्टर बिजली का इंतजार करते रहे लेकिन बिजली नहीं आयी इस बीच दून महिला चिकित्सालय के लेबर रूम में भर्ती महिलाओं को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। बिजली न होने पर लेबर रूम में स्टाफ ने मोबाइल फोन और मोमबत्ती की रोशनी में डिलीवरी कराई। 9 डिलीवरी को इसी तरह करावाया गया। लेकिन गनीमत रही कि जच्चा – बच्चा सुरक्षित है। लेकिन कहीं न कहीं अस्पताल की लापरवाही सामने आती है। उन्हें इन परिस्थिति से निपटने के लिए पहले से ही तैयार रहना चाहिए। ताकि लोगों को परेशानि का सामना न करना पड़े।