‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान में राजस्थान को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

ख़बरें अभी तक। राजस्थान ने एक बार फिर ‘बेटी बचाओ बेटो पढाओ अभियान’ के तहत देश में प्रथम स्थान हासिल किया है। बेटी बचाओ बेटो पढ़ाओ अभियान में राजस्थान में बहुत बड़ा बदलाव हुआ है। केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने बेटी बचाव बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत अव्वल स्थान हासिल करने पर दिल्ली में रास्थान को राष्ट्रीय पुरस्कार देकर सम्मानित किया है। श्रेष्ठ जिलों में देशभर से 25 जिलों का चयन हुआ था। जिनमें से अव्वल रहे राजस्थान के झुंझुनू और हनुमानगढ़ जिले को पुरस्कार दिए गए। अगर 2011 के आंकड़ो की बात करें तो रास्थान का झुंझुनू जिला लिंगानुपात में काफी पीछे था। लेकिन पीएम मोदी के इस अभियान के बाद आज स्थिति बदल चुकी है।

जिसका अच्छा परिणाम भी देखने को मिला है।  आपको बता दें कि राजस्थान को ये पुरस्कार पहली बार नहीं मिला बल्कि पिछली बार भी राजस्थान ने इस पुरस्कार को राष्ट्रपति के हाथों लिया था। इस पुरस्कार में पहला श्रेष्ठ राज्य की श्रेणी में और दूसरा और तीसरा पुरस्कार श्रेष्ठ जिलों की श्रेणी में दिया गया है। इस पुरस्कार को आईसीडीएस डायरेक्टर सुषमा अरोड़ा ने लिया। श्रेष्ठ जिलों में देशभर से 25 जिलों का चयन हुआ था। जिनमें से झुंझुनू और हनुमानगढ़ को पुरस्कार दिए गए है। खास बात ये कि इस अभियान को राजस्थान ने जमीनी स्तर पर लागू किया है जिससे लिंगानुपात में भी कमी हुई है। आपको बता दें कि ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान को देश के हर जिले में लागू कर दिया गया है। राजस्थान का झुंझुनू जिला बेटियों के मामले में सबसे बदनाम जिलों में से एक हुआ करता था।

जिस समय बेटी बचाओ बेटी बढ़ाओ योजना शुरु हुई थी उस समय झुंझुनू जिला देश में सबसे पिछड़ा जिला था। राजस्थान में महिलाओं की संख्या जहां 2015 में 929 पाई गयी थी। वहीं अब ये संख्या बढ़कर 950 हो चुकी है। साथ ही बाल विवाह जैसी कुरितियों में भी कमी आई है। यहां लड़के और लड़कियों के अनुपात में बहुत बड़ा अतंर था अब इस अतंर में भी कमी हुई है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ओ अभियान का खासा असर राजस्थान के झुंझुन में देखने को मिला है जो कि बहुत ही आश्चर्यजनक है। इस जिले के इस बदलाव से दूसरे जिलों को भी प्ररेणा मिलती है।