सहारनपुर: सवर्ण आरक्षण के बाद अब मुस्लमानों ने भी आरक्षण की मांग

ख़बरें अभी तक। केंद्र सरकार की स्वर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की घोषणा के बाद अब मुसलमानों को आरक्षण दिए जाने की मांग उठने लगी है। देवबंदी उलेमा का कहना है कि आरक्षण की सबसे अधिक जरुरत मुसलमानों को है। क्योंकि पूर्व में सच्चर कमेटी व रंगनाथ मिश्र की जांच रिपोर्ट से यह साबित हो चुका है कि मुसलमानों की हालत दलितों से भी बदतर है।

ऑल इंडिया जमीयत राजपूत के अध्यक्ष मौलाना कारी मुस्तफा ने कहा कि केंद्र सरकार सोची समझी साजिश के तहत मुसलमानों को तीन तलाक जैसे मुद्दों में उलझा कर तरक्की के रास्ते से हटाने का काम कर रही है। जबकि पूर्व में सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्रा की जांच रिपोर्ट से यह साफ हो चुका है कि मुल्क में रहने वाले मुसलमान की हालत दलितों से भी बदतर है। सरकार को चाहिए कि कमेटी की सिफारिशों को लागू करते हुए मुसलमानों को भी आरक्षण दिया जाए।

उन्होंने कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ सबका विकास की बात करते हैं। तो इस लिहाज से उन्हें मुसलमानों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए आरक्षण देना चाहिए। मौलाना मुस्तफा ने यह भी कहा कि स्वर्णों के पास पहले से सब कुछ है उन्हें आरक्षण की जरुरत क्या है। आरक्षण की असल जरुरत मुसलमानों को है। जिसके लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए।