खबरें अभी तक। साल की पहली बर्फबारी मुशिबत बनती जा रही है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी से लोगों का बुरा हाल है. जहां पर्यटक इस बर्फबारी का आनंद ले रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर आम जन-जीवन को काफी सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बात करें हिमाचल के शिमला की तो यहां बर्फबारी रुकने का नाम ही नहीं ले रही है, पारा माइनस में चल रहा है लेकिन फिर भी पर्यटकों का आवागमन लगातार बढ़ता ही जा रहा है. हालांकि इस बर्फबारी से शहर की रफ्तार कम हो गई है. सैलानियों को भी गाड़ी छोड़कर पैदल घूमना पड़ रहा है. सड़कों पर बर्फ की वजह से फिसलन बढ़ गई है. गाड़ियां चल भी रहीं हैं तो रेंगकर. हालत ये है कि कई जगह डेढ़ फीट से ज्यादा बर्फ जमी हुई है. तापमान माइनस में है.
चलिए अब मौसम विभाग से मिली जानकारी भी जान लेते हैं. मौसम विभाग ने बताया कि 9 जनवरी तक राहत मिलने के आसार कम हैं. रविवार को शिमला के पास कुफरी में तापमान माइनस 3 डिग्री तक लुढ़क गया. केलाग में माइनस 8.7 डिग्री तापमान ने शरीर जमा दिया तो कलपा में माइनस 3.7 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया. कुल्लू के कोठी में 70 सेंटीमीटर तक रिकॉर्ड बर्फबारी हुई है.
बात उत्तराखंड कि करें तो उत्तराखंड में भी बर्फबारी से बुरा हाल है लोगों को अपने नीजी काम करने में दिक्कतें हो रही है. केदारनाथ में बर्फबारी ने विकराल रूप ले लिया है. बता दें कि चार जनवरी की रात से यहां लगातार बर्फबारी हो रही है. बर्फबारी की वजह से केदारधाम में जारी पुनर्निमाण के काम में काफी दिक्कत आ रही है. दो दिन से काम रुका पड़ा है.
बता दें कि अब तक केदारधाम में 3 फीट से ज्यादा बर्फबारी हो चुकी है. केदारनाथ में पारा माइनस 4 डिग्री तक पहुंच चुका है. केदारनाथ से बहने वाली सरस्वती और मंदाकिनी नदी के ऊपर भी बर्फ जम चुकी है. रुद्रप्रयाग जिले में मिनी स्वीटजरलैंड के नाम से मशहूर पर्यटक स्थल चोपता में भी जमकर बर्फबारी हुई है. चोपता से पांच किमी पहले से ही मोटरमार्ग बर्फबारी के चलते बंद है. कई सैलानी यहां पैदल चलकर पहुंच रहे हैं. जहां एक ओर पर्यटक साल की इस पहली बर्फबारी का लुफ्त ले रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर आम जन को इस बर्फबारी के चलते कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है.