ममता ने किसानों के बाद दिया कर्मचारियों को तोहफा

खबरें अभी तक। जैसै-जैसे लोकसभा चुनावों का समय नजदीक आता जा रहा है, हर पार्टी अपनी सरकार बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है. लोगों को लुभाने के लिए केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार दोनों ही जनता के हित में हर रोज नए फैसले ले रही है. जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने किसानों के हित में नए फैसले लिए हैं तो वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले किसानों के लिए गारंटीशुदा आर्थिक मदद का ऐलान कर दिया था तो अब उन्होंने राज्य के कर्मचारियों के हित में सोचते हुए सभी बकाया महंगाई भत्ते का इस साल जनवरी तक भुगतान कर देने का ऐलान कर दिया है.

बता दें कि ममता ने कर्मचारियों को यह तोहफा तब दिया है जब लोकसभा चुनावों में केवल पांच महिने ही शेष रह गए हैं. आपको बता दें कि बीरभूम ज़िले में प्रशासनिक समीक्षा बैठक के संचालन के दौरान ममता बनर्जी ने कहा, ‘हमारे पास पैसा नहीं है, लेकिन हम सभी लंबित महंगाई भत्ते का जनवरी तक भुगतान कर देंगे.

मुख्यमंत्री की घोषणा के मुताबिक राज्य के करीब 8 लाख कर्मचारियों को बेसिक वेतन के 125% के आधार पर महंगाई भत्ता इसी महीने से मिलने लगेगा. ये मौजूदा दर से 18%  ज़्यादा है. बीते साल अगस्त में कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) के आदेश को पलटते हुए कहा था कि महंगाई भत्ता सभी राज्य कर्मचारियों का वैधानिक अधिकार है. SAT ने इससे पहले व्यवस्था दी थी कि महंगाई भत्ते का फैसला लेने का अधिकार सिर्फ़ राज्य सरकार के विवेक पर निर्भर है और कर्मचारी इस पर अपने हक़ का दावा नहीं जता सकते.

महंगाई भत्ते की दर में बढ़ोतरी के बाद केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के बीच DA का अंतर 23% रह जाएगा. बता दें कि ममता बनर्जी ने बड़े अंतर के लिए पश्चिम बंगाल में पूर्ववर्ती लेफ्ट मोर्चा सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया. ममता बनर्जी ने सवाल किया कि पिछली सरकार ने इस बड़े अंतर को कम करने के लिए 34 साल में क्यों कुछ नहीं किया?