उत्तराखंड में युवती को जिंदा जलाने का मामला: आज पैतृक घाट पर होगा पीड़िता का अंतिम संस्कार

ख़बरें अभी तक। एक सप्ताह तक जिंदगी और मौत के बीच जूझते हुए आखिर जिंदगी की जंग हार गई उत्तराखंड की ‘नेहा’। पीड़िता ने रविवार सुबह करीब 11 बजे दम तोड़ दिया। बता दें कि 16 दिसंबर को पौड़ी की बीएससी की छात्रा को छेड़छाड़ का विरोध करने पर एक युवक ने पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया था। कफोलस्यूं पट्टी के पल्ली गांव निवासी छात्रा बीएससी द्वितीय वर्ष की प्रयोगात्मक परीक्षा देकर स्कूटी से घर लौट रही थी। तभी आरोपी गहड़ गांव निवासी मनोज सिंह उर्फ बंटी ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद एक सुनसान जगह पर उसे रोककर छेड़छाड़ करनी शुरू कर दी।

इस पर जब नेहा ने विरोध किया तो उसने पेट्रोल डालकर उसे आग के हवाले कर दिया और मौके से फरार हो गया। जिससे नेहा 70 प्रतिशत से अधिक झुलस गई थी। कुछ देर बाद मौके से गुजर रहे एक ग्रामीण ने सड़क किनारे छात्रा को जली हुई हालत में पड़ा देखा तो इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस 108 एंबुलेंस से उसे जिला चिकित्सालय पौड़ी ले गई, जहां प्राथमिक उपचार के बाद मेडिकल कॉलेज श्रीनगर रेफर कर दिया गया। हालत गंभीर होने के चलते उसे यहां से एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया।

यहां भी हालत में सुधार न होने पर नेहा को 19 दिसंबर को एयर एंबुलेंस से दिल्ली सफदरजंग अस्पताल भेज दिया गया। जहां पिछले चार दिनों से नेहा का इलाज वहीं चल रहा था। सफदरजंग अस्पताल के अतिरिक्त मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. आरके आनंद ने बताया कि जब छात्रा को अस्पताल लाया गया था तो शरीर में इलेक्ट्रोलाइट के चलते उसकी त्वचा का रिसाव हो रहा था। श्वास नली चोक हो चुकी थी। पैर पूरी तरह से लपटों की चपेट में आ गए थे।

वह बेहोशी की हालत में ही रही। बावजूद इसके उसका शरीर इलाज के लिए पूरा सहयोग कर रहा था। वह एक बहादुर बच्ची थी। पीड़ित छात्रा का सोमवार को उसके गांव के पैतृक घाट पर उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा। छात्रा के शव का रविवार को सफदरजंग अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया है। दिल्ली से एंबुलेंस से छात्रा का शव गांव लाया जा रहा है।