रै म्हारै खिलाड़ी ही नहीं पशु भी घणी प्रतियोगिताओं म्ह सरताज बणैं सैं, पशुधन मेले में 21 करोड़ का सरताज रहा विनर..

 खबरें अभी तक। 21 करोड़ का सरताज 36 वें पशुधन मेले का सरताज बन गया है। मुर्राह नस्ल का सरताज सोनीपत के सैनीपुरा गांव के विरेन्द्र सिंह का है। सरताज ने मेले के आकर्षण रहे रूस्तम को हराकर सभी भैसों में पहला स्थान हासिल किया है। हालांकि मुर्राह ब्रीड में सरताज से आगे पानीपत के नरेन्द्र की मुर्राह नस्ल की भैंस आगे रही।

भैंसो में पहले स्थान पर आने वाले सरताज को देखने वालों की भारी भीड़ भी उमड़ी रही। सरताज के मालिक विरेन्द्र ने बताया कि सरताज की उम्र करीब चार साल है और वो उसे हर रोज करीब 10 किलो दूध और दही के सेवन भी कराता है। विरेन्द्र ने मुर्राह नस्ल की बेहतर ब्रीड तैयार करने का काम साल 2007 से शुरू किया था।

विरेन्द्र ने करनाल में लगे पशुधन प्रदर्शनी मेले से ही मुर्राह नस्ल की बेहतर ब्रीड तैयार करने की सीख ली थी। विरेन्द्र सिंह अब हर महीने सरताज का सीमन बेचकर लाखों रुपये भी कमा रहा है। विरेन्द्र का कहना है कि वैसे तो वो सरताज को बेचना नहीं चाहता क्योंकि उसके लिए सरताज अनमोल है, लेकिन अगर कोई 21 करोड़ देगा तो वो अपना सरताज उसको सौंप देगा।

36 वें पशुधन प्रर्दशनी मेले की शुरूवात 21 दिसम्बर को हुई थी। हरियाणा के कृषि एंव किसान कल्याण मंत्री ओमप्रकाष धनखड़ ने हरियाणा मे पशुधन की उत्तम नस्ल और दुध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए दूसरी बार झज्जर में पशुधन मेले का आयोजन करवाया। पशुधन मेले के तीनों दिन दर्शकों के लिए पहले ईनाम के तौर पर मोटरसाईकिल और दूसरे स्थान पर आने वाले को दूध निकालने की मशीन भी ईनाम के तौर पर दी गई।

पशुधन मेले में झज्जर के जीवन सिंह की एच एफ नस्ल की गाय को पहला स्थान, वहीं साहीवाल ब्रीड में करनाल के राम सिंह की गाय ब्रीउ चैम्पियन बनी है। रोहतक के दलबीर सिंह का साहीवाल बैल ब्रीड चैम्पियन का रनर अप रहा। क्राॅस ब्रीड में करनाल की गाय चैम्पियन बनी है। पशुधन मेले के समापन पर आई भारी भीड़ ने जय जवान जय किसान के नारे लगाकर मेले की सफलता के लिए कृषि मंत्री का हौंसला भी बढ़ाया।