सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी नहीं सुधर रहे सरकारी टीचर

ख़बरें अभी तक। केंद्र और प्रदेश सरकार प्रदेश के विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधारने की लाख कोशिशें कर रही है। लेकिन स्कूलों में तैनात शिक्षकों के चलते उनके मंसूबों पर लगातार पानी फिर रहा है। स्कूल में क्लास लगने के बाद जिन बच्चों के हाथों से कलम चलने चाहिए वह स्कूल का सिलेंडर ढोने का काम कर रहे हैं। हद तो तब हो जाती है, जब सिलेंडर ढोते हुए इन बच्चों का वीडियो वायरल हो जाता है। लेकिन स्कूल में तैनात टीचर अपनी गलती मानने के बजाय उसपर अपने बेतुके तर्क देते हैं।

बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में लाख कोशिशों के बाद भी शिक्षकों की लापरवाही कम होने के नाम नहीं ले रही। टीचर स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों को पढ़ाने के बजाय उनसे साफ-सफाई, बोझा और सिंलेंडर मंगवाने का काम लेते हैं। ऐसा ही एक मामला बाराबंकी में सिरौलीगौसपुर तहसील के रसूलपुर प्राथमिक विद्यालय से सामने आया है। जहां के बच्चे साइकिल पर सिलेंडर ढो रहे थे। किसी ने इन बच्चों को सिलंडर लाते देखा तो उसने वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वहीं वीडियो वायरल होने के बाद भी स्कूल के टीचर अपनी गलती मानने के बजाय स्कूल का गेट अंदर से बंद करके लड़ने को तैयार हो गईं।

बच्चों ने बताया कि उन्हें गांव में ही स्थित गैस एजेंसी से सिलेंडर लेने के लिए भेजा गया था। वहीं जब इस बारे में स्कूल के टीचरों से बात करने की कोशिश की गई तो उन लोगों ने जबरन स्कूल का गेट बंद करवा दिया। और हमारे सवालों का जवब देने के बजाय उल्टा हमसे ही लड़ने को तैयार हो गए।

वहीं टीचरों की इस लापरवाही पर जब हमने बाराबंकी के बीएसए वीपी सिंह से बात कि तो उन्होंने बताया कि पूरा प्रकरण उनकी जानकारी में आया था। इस मामले में बीईओ की आख्या पर कार्रवाई करते हुए वहां के प्रिंसिपल राकेश कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि बच्चों से इस तरह का काम करवाना बिलकुल गलत है, ये बड़ी लापरवाही है। अगर आगे भी ऐसे मामले आएंगे तो संबंधित लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।