राजा के तालाब में सुनीं पौंग बांध विस्थापितों की समस्याएं

खबरें अभी तक। प्रदेश सरकार की अतिरिक्त मुख्य सचिव मनीषा नंदा शुक्रवार को राहत एवं पुनर्वास कार्यालय राजा का तालाब में पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने राहत एवं पुनर्वास उपायुक्त विनय मोदी को पौंग बांध निर्माण के दौरान उजड़े 339 गांवों के परिवारों की पहचान कर उनके पास जाकर जनमंच के माध्यम से उनकी समस्याओं का ब्योरा बनाने की बात कही। पौंग बांध विस्थापित कमेटी का प्रतिनिधिमंडल प्रधान हंसराज चौधरी की अध्यक्षता में मनीषा नंदा से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने 47 साल से विस्थापन का दंश झेलते हुए पैदा हो रही विभिन्न समस्याओं के प्रति और राजस्थान सरकार की ओर से विस्थापितों के हितों के साथ किए जा रहे खिलवाड़ के बारे में अवगत करवाया।

उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव को बताया कि राजस्थान में विस्थापितों के लिए जिला गंगानगर में आरक्षित 2 लाख 20 हजार एकड़ भूमि पर अभी तक विस्थापितों को पूर्ण रूप से बसाया नहीं जा सका, वहां पर विस्थापितों को बसाया जाए। विस्थापितों ने उन्हें बताया कि 1188 मुरब्बों के मामलों में 124 मामले ऐसे हैं जिन्हें न तो विस्थापितों ने बेचा है और न ही उन पर किसी को कब्जा दिया है, परंतु हेराफेरी करके उन्हें 1188 राज रकबों में डाल दिया गया है। वहीं, इंदिरा गांधी नहर वाला पानी जो कि विस्थापितों की 3.50 लाख भूमि की सिंचाई के लिए था। उसे पूरे राजस्थान में फैला दिया है।

प्रतिनिधिमंडल ने उनसे राजस्थान के जिला गंगानगर की आरक्षित भूमि में एकमुश्त सेटलमेंट देने की मांग की। वहीं भूमि का प्रावधान न होने पर पिछले 47 सालों के आधार पर मुआवजा देने की मांग की। इस मौके पर उपस्थित पौंग बांध विस्थापितों ने अपनी अपनी समस्याओं से उन्हें अवगत करवाया। मनीषा नंदा ने प्रतिनिधिमंडल की समस्याओं को सुनने के बाद कहा कि प्रदेश सरकार उनकी समस्याओं को राजस्थान सरकार के समक्ष सकारात्मक ढंग से उठाएगी और उनका यह प्रयास रहेगा कि उनकी समस्याओं का समाधान जल्द हो सके।

इस मौके पर राजस्व सचिव प्रवीण टाक, एसडीएम जवाली अरुण शर्मा, नायब तहसील धर्मशाला सुमन धीमान, नायब तहसीलदार फतेहपुर प्रेम शर्मा, प्रदेश पौंग बांध विस्थापित कमेटी के उपाध्यक्ष रामपाल वर्मा, मदन मोहन, कुलदीप शर्मा, प्यारे लाल, मदन लाल, बंसी लाल, नंद किशोर, मुलख राज, उत्तम चंद, राम चंद, रविंद्र कुमार शामिल रहे।