मेवात: डिप्थीरिया ने बलई गांव में ली दो बच्चों की जान 

ख़बरें अभी तक। पीएचसी मरोड़ा क्षेत्र के गांव बलई में डिप्थीरिया की बीमारी की चपेट में आने से दो बच्चों की जान जाने का मामला सामने आया है। डिप्थीरिया (गलघोटू) से मौत होने का आंकड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। ग्रामीण गलघोटू की बीमारी की वजह से भयभीत हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव में एक ही दिन में दो बच्चों की मौत सोमवार बिमारी के कारण हुई है। दोनों ही बच्चे एक ही परिवार से बताये जा रहे हैं। बलई गांव के तोफीक का लडक़ा व बरकत उर्फ बररी की लड़की की मौत कुछ घंटों के अंतराल से हुई है। परिजनों ने कहा कि गांव मे दो बच्चों की मौत डिप्थीरिया के कारण हुई है।

गांव में दर्जनों बच्चों संभावित केश है। उन्होंने अपने स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की टीम को अवगत कराया है, लेकिन अभी तक गांव में स्वास्थ्य  टीम की तरफ से कोई कर्मचारी नही आ पाया है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉक्टर अरविंद कुमार का कहना है कि डिप्थीरिया की बीमारी से निपटने के लिए नल्हड मेडिकल कालेज में स्पेशल वार्ड बनाया हुआ है। स्वास्थ्य विभाग लगातार गंभीर है। चिंहित किये गए गांवों में टीम लगातार काम कर रही हैं। टीकाकरण अभियान पूरी तरह सफल नहीं होने की वजह से डिप्थीरिया जानलेवा साबित हो रहा है।

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की अगर बात करें तो 27 जान बच्चों की इस बीमारी से जा चुकी हैं। कुल मिलाकर डिप्थीरिया का खतरा मेवात से पूरी तरह अभी टला नहीं है। डिप्थीरिया के करीब आठ मरीज नल्हड मेडिकल कालेज में उपचाराधीन हैं। एसएमओ कृष्ण कांत ने कहा कि दो बच्चों की मौत के कारणों की जांच कर रही है। गांव में टीम पहुंच कर बच्चों के टीकाकरण लगाया जा रहा है। बलाई गांव जहां दो बच्चों की मौत हुई  गांव में डिफ्थीरिया के संभावित केश है।