जेल में कैदी के पैर में बंधे प्लास्टर से 25 ग्राम अफीम बरामद

ख़बरें अभी तक। भिवानी जिला कारागार में एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। यहां पहुंचे एक बंदी की तलाशी के दौरान जब उसके पैर में बंधे प्लास्टर को काटा गया तो उसमें 25 ग्राम अफीम और कुछ सिल्वर पेपर बरामद हुए हैं। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि आखीर प्लास्टर में अफीम किसी डॉक्टर ने तो नहीं डाली। बता दें कि गांव कालुवास निवास मनोज के खिलाफ सिविल लाइन थाना में 14 मई 2013 को हत्या का प्रयास, मारपीट के तहत केस दर्ज हुआ था।

इस मामले में मनोज अदालत से जमानत पर चल रहा था। इस मामले की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुशील कुमार की अदालत ने मनोज को 7 साल की कैद और 56 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। पेशी पर आए मनोज को सजा सुनाने के बाद जेल भेजा गया।

जेल में जाते ही जेल प्रशासन को शक हुआ। मनोज के पैर में प्लास्टर और हाथों पर पट्टी बंधी हुई थी। शक के आधार पर जेल प्रशासन ने मनोज की पट्टी खोली तो उनमें कुछ सिल्वर पेपर मिले। इसके बाद उसके पैर में बंधे प्लास्टर को खोला गया तो उसमें 25 ग्राम अफीम मिली। जेल के उपाधिक्षक अमित शर्मा की शिकायत पर सदर थाना पुलिस ने पर्चा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। प्लास्टर में अफीम मिलने का भिवानी में पहला मामला है।

ऐसे में सवाल उठते हैं कि इसमें कोई डॉक्टर तो शामिल नहीं। चौंका देने वाले इस पूरे मामले पर एसपी गंगाराम पूनिया ने बताया कि आरोपी को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर पुछताछ की जाएगी। उन्होंने कहा कि आरोपी से पुछताछ के दौरान ही खुलासा होगा कि वो ये अफीम कहां से और किससे लेकर आया और उसके प्लास्टर में ये अफीम कैसे डाली।

प्लास्टर में अफीम डालने में किसी डॉक्टर की मिलीभगत के सवाल पर एसपी ने साफ किया कि इस मामले में आरोपी से पुछताछ में ही खुलासा होगा और यदि किसी अन्य व्यक्ति की कोई भी संलिप्तता पाई गई तो उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बताया जाता है कि एक-दो दिन में हत्या के प्रयास व मारपीट के आरोपी मनोज को पुलिस प्रोडेक्शन वारंट पर लेकर पुछताछ करेगी। ऐसे में पुछताछ के दौरान किसी सरकारी या प्राईवेट डॉक्टर की इस मामले में संलिप्तता मिली तो मामला बहुत ही गंभीर होने वाला है।