लखीमपुर खीरी में प्रकाशोत्सव पर्व की धूम

खबरें अभी तक। लखीमपुर खीरी में प्रकाश उत्सव पर्व के अवसर पर 3 दिन पहले से सिख धर्म के लोग भजन कीर्तन करते है  गुरुद्वारों में गुरु ग्रंथ साहिब का अखंड पाठ किया जाता है  इस अवसर पर  शब्द – कीर्तन किया गया है इसके उपरांत पंच प्यारों की झांकियां भी निकाली गई  सामूहिक  लंगर का भी आयोजन किया गया.

कहा जाता है सिख धर्म के पहले गुरु गुरु नानक जी थे इसको गुरु पर्व के नाम से भी मनाया जाता है गुरु नानक जी का जन्म 15 अप्रैल 14 69 को तलवंडी नामक स्थान पर हुआ था हिंदी  माह के कार्तिक महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है गुरु पर्व सिखों का सबसे महत्वपूर्ण पर्व में से एक पर्व है इस दिन गुरु ग्रंथ साहिब मैं लिखे नानक देव की शिक्षाएं पढ़ी जाती हैं गुरुद्वारों को टिमटिमाते झालरों के साथ फूल गुब्बारों से सजाया जाता है.

निर्मल आश्रम के महंत लक्ष्मण सिंह व पाल सिंह ने बताया आज बड़ी हर्षोल्लास के साथ प्रकाश पर्व मनाया गया निर्मल आश्रम में स्थित गुरुद्वारे से नगर कीर्तन शुरू होकर संकटा देवी मेन रोड के विभिन्न मार्गो से होकर फिर से गुरुद्वारे पर आकर समाप्त होती है इस नगर कीर्तन का मुख्य उद्देश गुरु नानक जी के विचारों को जन जन तक पहुंचाने का उद्देश होता है