रायपुरानी-बरवाला ब्लॉक में मक्खियों की बढ़ती संख्या से लोग परेशान

ख़बरें अभी तक। पंचकूला के रायपुरानी-बरवाला ब्लॉक में मक्खियों की बढ़ती संख्या एक विकराल रूप धारण कर चुकी है। मक्खियों की समस्या क्षेत्र के लोगों के लिए अभिशाप बनकर लोगों के पीछे पीछे मंडराने लग गयी है। बरवाला और रायपुर रानी खण्ड को उत्तर भारत की सबसे बड़ी पॉल्ट्री बैल्ट कहा जाता है लेकिन आस पास के लोगों व ग्रामीणों का जीना दुष्वार हो रखा है। मक्खियों को दूर भगाने के लिए लोग कई तरह के कीटनाशकों का प्रयोग कर रहे है पर ये कीटनाशक मक्खियों पर कम लोगों के स्वस्थ को बिगाड़ने पर ज्यादा असर कर रहे है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मक्खियों की समस्या के चलते उनके यहां लड़के-लड़कियों के रिश्ते भी बहुत कम आते है और ऐसी ही समस्या रही तो में रिश्ते आने बंद हो जायेगे।

पंचकूला के आस पास के क्षेत्रों में मक्खियों की समस्या से अनेक तरह की बीमारियों को फैला रही है। प्रदेश में आज तक बनी किसी भी सरकार ने क्षेत्र के लोगों को इस समस्या से स्थाई समाधान बारे कोई कदम नहीं उठाया। प्रदेश में बनी कांग्रेस, इनेलो, बीजेपी सरकार ने सिर्फ इस समस्या को लेकर क्षेत्र के लोगों के साथ वोट की राजनीति की है। आसपास के छोटे छोटे दुकानदारों को इससे काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। मक्खियों के कारण खुले में रखे सामानों को खरीदने से लोग परहेज कर रहे हैं। जिससे आम लोगों का क्षेत्र में रहना मुश्किल हो गया है।

स्थानीय निवासीयो ने बताया कि उनके क्षेत्र में मक्खियों ने जीना मुश्किल कर दिया है और खाना पीना मुश्किल हो गया है, उन्होंने कहा कि पोल्ट्रीफार्म से गंदगी फैल रही है, उन्होंने कहा कि सरकार और प्रसाशन कोई धयान नहीं दे रहे है, उन्होंने कहा कि मक्खियां होने के चलते लड़कियों और लड़को के रिश्ते नहीं होते, लोग उनके यहां रिश्ता करने से डरते है।

इस मामले में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश गर्ग ने कहाकि बीजेपी के नेताओ ने सत्ता में आने के बाद पंचकूला के बरवाला-रायपुररानी से मक्खियों की समस्या को खत्म करने की बात कही थी लेकिन आज तक लोगो को मक्खियों की समस्या से झुंझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पंचकूला ज़िले से बने दोनों विधायकों ने मखियों की समस्या को हल करने की बात कही थी जिसमे वह फेल हुए है। उन्होंने कहा कि पोल्ट्रीफार्म की वजह से होने वाली मक्खियों को खत्म करने के मकसद से हैदराबाद भी एक डेलिगेशन गया था इसके बावजूद भी मक्खियों को खत्म नहीं कर पाए।