लाहौल में समय से पहले हुई बर्फबारी, लोगों में भारी परेशानी

खबरें अभी तक। समय से पहले हुई बर्फबारी से लाहौल के लोग खासा परेशानी से गुजर रहे है जहां एक ओर किसान व बागवानों ने अपने नकदी फसलों को मंडियों में ले जाना हे वहीं घाटी के बहुत से लोग धार्मिक यात्रा तथा दीगर काम को ले कर घाटी से बाहर गयें हुये थे जिन्होने लाहौल अपने घर आना है. लेकिन अचानक हुई हिमपात से रोहतांग दर्रा वाहनों की आवाजाही के लिए बन्द हो गया है जिसके चलते हजारों लोग कुल्लू मनाली फंस गये है वहीं घाटी में बहुत से निर्माण कार्य तथा सेब बगीचे में काम में जुटे जिले के बाहर के लोग लाहौल में फंस गयें है जिन्होने भी घाटी से बाहर निकलना है ऐसे में यह हिमपात लोगो के लिए आफत बन कर सामने आया है।

काबिलगौर है कि 22 सितम्बर से 24 सितम्बर तक हुये भीषण बर्फवारी के नुकसान से घाटी के लोग अभी तक उभर नही पाये है कई इलाकों में अभी तक बिजली आपूर्ति बहाल नही हो पाई है तथा दूरदराज इलाकों में आलू कुल्लू मनाली की ओर ले जाना है वह भी अपने-अपने इलाकों में डमप पड़ा है।

समूचा इलाका प्रचंड ठंड की चपेट में आ गया है तापमान माईनस एक से छह डिग्री सेंटीग्रेट तक पहुंच गया है हिमपात की बात की जायें तो केलांग में करीब डेढ फीट तथा घाटी के दूसरे इलाके में दो फुट से तीन फुट तक हिमपात हो चुकी है ऐसे में यह हिमाचल पथ परिवहन निगम केलांग ने लाहौल से कुल्लू मनाली जाने वाली बसों को फिलहाल बन्द कर दिया है तथा घाटी के भीतर भी बसों की आवाजाही बन्द हो गई है।

स्थानीय लोग सरकार से मांग कर रहे है कि रोहतांग दर्रे को शीध्र अति शीध्र बहाल किया जायें जिससे रोहतांग दर्रे के कुल्लू मनाली व लाहौल में फसे लोगो के साथ -साथ सेब आलू के टªक अपने गन्तव्य स्थान की ओर निकल सके वहीं स्थानीय विधायक एवं प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री डाक्टर रामलाल मारकंडा ने दूरभाष पर बताया कि लोगों को रोहतांग सुरंग से निकालने के लिए सीमा सडक संगठन के आला अधिकारियों के साथ लगातार बातचीत चल रही है शीध्र ही सकारात्मक परि सामने आने का आश्वासन दिया है।