हिमाचल प्रदेश में नए डीएनए प्रौद्योगिकी उन्नयन करने के लिए तैयार

खबरें अभी तक। हिमाचल प्रदेश में फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी राज्य और रेंज फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरीज में नए डीएनए प्रौद्योगिकी उन्नयन करने के लिए तैयार है. जो विश्लेषण किए जा रहे मामलों की संख्या में वृद्धि करेगी. पूर्व मुख्य साइंटिस्ट फॉरेंसिक विज्ञान भारत सरकार वीके कश्यप ने शिमला में कहा कि भारत में डीएनए के लिए बहुत संख्या में मामले आ रहे जिस पर योग्यता और क्षमता के आधार पर ही डीएनए होने चाहिए, जिससे अपराध करने वालों को पकड़ने में मदद मिल सके.

अपराधी तक पहुंचने के लिए डीएनए तकनीक आज के समय में एक बेहतर हथियार साबित हो सकती है. हिमाचल प्रदेश में 2008 में डीएनए शुरू हो गया था. आज से पांच साल पहले तक डीएनए में पैटरनिटी से जुड़े मामले आ रहे थे लेकिन अब सेक्ससुल अस्लट के ज्यादा मामले आ रहे हैं.