कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आरम्भ हुई रत्नावली का आज दूसरे दिन

खबरें अभी तक। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आरम्भ हुए 4 दिवसीय रत्नावली महोत्सव में रत्नावली के  दूसरे दिन हरियाणा के रीति-रिवाजों को युवा पीढी़ ने रत्नावली में धमाल किया । रत्नावली उत्सव के दूसरे दिन हरियाणवी रीति-रिवाज प्रतिस्पर्धा में युवाओं ने हरियाणा की प्रसिद्ध लोक संस्कृति व लोक परम्परा को प्रस्तुत किया और जमकर धमाल मचाया।  ढोल और नगाड़ो – बीन के साथ लोगो ने नाचकर जमकर लुफ्त उठा रहे है. रत्नावली में दिख रहा है की गली व गांव में किस तरह का माहौल होता है और किन-किन रीति-रिवाजों को निभाया जाता है। जहा पर लोकनृत्य के माध्यम से अपनी खुशी को जाहिर कर  रहे है बड़ी संख्या में विद्यार्थी व बाहर से आए मेहमान अपनी बात के माध्यम से हरियाणा की संस्कृति का बखान कर रहे हैं ।

ठेठ हरियाणवी अंदाज में रत्नावली के दूसरे जंगम जोगी, बंचारी ने जब अपनी ढोल  और नगाड़ो – बीन के साथ आये तो दर्शक भी झूमने को मजबुर हो गए. रत्नावली ने सबका मन मोह लिया है। क्योंकि हरियाणा के रीति-रिवाज एकता का संदेश देने के साथ-साथ आपसी भाईचारे को मजबूत करने का संदेश दे रहे हैं। जहां लोगों की भावनाएं एक-दूसरे के साथ जुड़ी हैं। वहीं वे इन रीति-रिवाजों के माध्यम से अपनी खुशी व आपसी सद्भावना को व्यक्त कर रहे हैं। हरियाणा की समृद्ध लोक परम्परा व रीति-रिवाजों को दिखाया जा रहा है।