शिमला में पत्रकारों से बातचीत करते हुए तिब्बत के सांसद ने भारत सरकार का किया धन्यवाद

खबरें अभी तक। तिब्बत के लोग कई सालों से तिब्बत की आज़ादी की लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन अभी तक तिब्बती इसमें कामयाब नहीं हुए हैं। तिब्बती समुदाय के लाखों लोग भारत में शरणार्थी के तौर पर रह रहे हैं। जिसके लिए तिब्बत सरकार भारत का धन्यवाद कर रहे हैं। शिमला में पत्रकारों से बातचीत में निर्वासित तिब्बत सरकार के सांसद दावा तेसरिंग ने कहा है कि भारत के सहयोग से ही आज तिब्बत की संस्कृति बरकरार है। इसलिए भविष्य में भी तिब्बतियन भारत सरकार से मदद की अपील करता है।

सांसद ने कहा कि भारत सरकार की ओर से की गई मदद से ही तिब्बत की संस्कृति, भाषा तथा पहचान बची है। और तिब्बत का मुद्दा एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बना है। सांसद ने भारतीय संसद और विधान सभा के सदस्यों से तिब्बत की आजादी के लिए सहयोग की अपील की है। सांसद ने 5 मांगो को लेकर भारत सरकार से सहयोग मांगा है। जिनमें भारत और चीन के बीच बैठक होने पर तिब्बत का मसला शामिल करना, तिब्बत के प्रर्यावरण की रक्षा का मुद्दा, दलाई लामा की तिब्बत वापसी कर स्वाधीनता कायम हो। चीन का तिब्बत अतिक्रमण कम हो और तिब्बत की संस्कृति की रक्षा की जाये आदि मुद्दों को भारतीय संसद द्वारा चीन के साथ उठाने की मांग की है।

सांसद ने कहा कि थैंक्यू इंडिया कार्यक्रम में आगे चल कर तिब्बती सरकार भारत सरकार के सांसदों और विधायकों का शुक्रिया करेंगे। वहीं प्रतिनिधियों के माध्यम से भारत सरकार से अपील की जाएगी कि जब भी भारत और चीनी सरकार के बीच कोई बैठक हो तो चर्चा में तिब्बत के मसलों को शामिल किया जाए।