खबरें अभी तक। राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते कहर को लेकर हर रोज दिल्ली के लोग और दिल्ली सरकार चिंता मे डूबी रहती थी इसलिए दिल्ली के लोगों को प्रदूषण से बचाने के लिए दिल्ली आईआईटी की एक टीम ने एंटी पॉल्यूशन विंडो तैयार किया है, जो घरों में लगने वाली आम खिड़कियों से अलग है. ये सिर्फ मच्छरों को ही घर में आने नहीं देगी, बल्कि घर को एयर पॉल्यूशन से भी बचाने में मदद करेगी. इसे दिल्ली आईआईटी की टीम ने नेज़ो फिल्टर पॉल्यूशन नेट खिड़की नाम दिया है।
इस खिड़की में खास बात ये है कि इससे बारिश का अधिकतर पानी घर के अंदर नहीं आ सकता है, जबकि आम खिड़कीयों से बारिश का सारा पानी घर के अंदर दाखिल हो जाता है. आपको बता दें कि पॉलीमर, नैनोफाइबर से बनी ये विंडो नैनो टेक्नोल़ॉजी तरीके से तैयार की गई है. इसके महीन छेद से सरफेस टेंशन बढ़ जाती है और पानी घुस नहीं पाता. ये PM 10 वाले बड़े प्रदूषण कणों को दूर करने के साथ ही PM 2.5 को 90 फीसदी बाहर ही रोक देती है।
रिसर्च टीम के प्रतीक शर्मा ने बताया कि इसके न सिर्फ खिड़की बल्कि दरवाजे और परदे भी लगाए जा सकते हैं. नेज़ो फिल्टर पॉल्यूशन नेट से बनी खास खिड़की एक बार लगवा ली जाए, तो 5 साल तक पॉल्यूशन से मुक्ति मिल जाएगी. आम खिड़की में ‘पॉल्यूशन नेट विद वेल क्रो’ लगवाकर उसे प्रदूषण मुक्त खिड़की में तब्दील किया जा सकता है. इसका खर्च 160 रुपये प्रति वर्ग फुट आएगा, जहां रूम प्यूरीफायर में ज्यादा बिजली की खपत होती है, वहीं इस खास खिड़की में कोई खर्च नहीं आता. एक रिसर्च के मुताबिक दिल्ली के घरों के अंदर बाहर की अपेक्षा 10 गुना ज्यादा पॉल्यूशन होता है।
प्रतीश शर्मा ने बताया कि यह फ़िल्टर नाक के छेद से चिपके रहते हैं और विदेशी कणों को शरीर में प्रवेश करने से रोकते हैं. यह एक बायोडिग्रेडेबल उत्पाद है. शर्मा ने कहा कि इसकी लागत कम है, जिसके चलते इसका उपयोग जनता कर सकती है. उन्होंने कहा कि फिल्टर PM 10 कणों को 100 प्रतिशत और PM 2.5 कणों को 95 प्रतिशत तक दूर रखेंगे. फिल्टर 8-10 घंटे तक चल सकते हैं।