प्रशासन की लापरवाही के चलते अस्पतालों का बुरा हाल

खबरें अभी तक। मुख्यमंत्री जी बेहतर चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाओं के बाबत मंच से भले लाख दावे कर लें लेकिन मऊ जिले के दोहरीघाट ब्लाक के देवारा क्षेत्र के अति पिछड़े इलाके में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सुग्गीचौरी बदहाल हैं। आए दिन डाक्टरों की कुर्सी खाली पड़ी होने के साथ अस्पताल में गन्दगी का ढ़ेर लगा रहता है। इतना ही नहीं अस्पताल के दिवार पर लिखे गए डाक्टरों की लिस्ट में एक मृतक डाक्टर का भी नाम अंकित है।

लोगों को चिकित्सकीय सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर सरकारी स्तर पर खुले पीएचसी में चिकित्सकों की अनियमित दिनचर्या के चलते मरीजों व तीमारदारों को काफी जलालत झेलनी पड़ती है। अस्पताल पर तैनात चिकित्सकों द्वारा अपनी ड्यूटी का निर्वहन न किए जाने से मरीजों को निजी अस्पतालों का चक्कर लगाना पड़ रहा है।

बताते चले कि कई बार लोगों ने वरिष्ठ अधिकारीयों से अस्पताल की बदहाल स्थिती के बारे में शिकायत भी किया हैं। बावजूद इसके विभाग ड्यूटी के प्रति लापरवाह चिकित्सकों पर कार्रवाई करने से परहेज कर रहा है। लाखों की लागत से बने अस्पताल पर चिकित्सकों के आवास होने के बावजूद भी चिकित्सक इसमें ठहरने की जहमत नहीं उठाते हैं। चिकित्सकों की गैर जिम्मेदार रवैए के चलते सरकार द्वारा लोगों के लिए चिकित्सकीय सुविधाएं मुहैया कराने की योजना को लापरवाह चिकित्सक पलिता लगा रहे हैं।

मरीजों व तीमारदारों ने आए दिन अनुपस्थित चिकित्सकों की जुबानी गाथा सुनाने लगे। यहां फार्मासिस्टों के आलावा चिकित्सक की कुर्सी खाली पड़ी रहती हैं। जबकि स्वच्छता का सुझाव देने वाले स्वास्थ्य विभाग को पीएचसी परिसर में व्याप्त गंदगी मुंह चिढ़ा रही है। इस बावत राजेश यादव और मयंक चौहान आदि ने अनुपस्थित चिकित्सकों पर कार्रवाई के साथ विभाग से नियमित तैनाती करने की मांग किया है।