बारिश का छाया कहर, मंडी में रखा धान हुआ खराब

खबरें अभी तक। अम्बाला में मूसलाधार बरसात किसानों और जिमिंदारों पर कहर बन कर टूटी है। करीब पांच घंटे हुई बरसात ने सभी की पोल खोल कर रख दी है। जहां किसानों की खड़ी फसलें करीब-करीब खत्म हो चुकी है वहीं अनाज मंडी में पहुंची फसलों ने जख्म पर नमक छिड़कने का काम किया है।

मंडी से अभी तक गेंहू की फसल न उठने से किसानों को अपनी फसल खुले में रखनी पड़ रही है और इसी वजह से किसानों ने मीडिया के सामने अपनी जमकर भड़ास निकाली और सारा दोष प्रशासन के जिम्मे मढ़ डाला। वहीँ निर्मल सिंह आढ़ती का कहना है कि मंडी में खुले में रखी फसल तो ख़राब हुई है वहीँ खेतों में खड़ी जीरी को भी ओलावृष्टि से नुक्सान हुआ है। जिमीदार का कहना है कि मंडी में कोई जगह नहीं है जहाँ वे फसल रख सके। किसानों की ट्राली खड़ी करने की जगह शेड के नीचे धान पड़ा है।

वहीं बलबीर सिंह का कहना है कि पहले यदि शेड के नीचे रखा धान उठा जाता तो काफी दिक्कत का हल हो जाता। धान न उठने के कारण मीलों के फसल का नुक्सान हो रहा है। बरसात में गीला होने से इसमें नमी आ गई है यह नुक्सान है ! वहीँ किसान रविंद्र ने अपना दर्द बताते हुए कहा कि भारी बरसात और ओले गिरने से धान की फसल बर्बाद हो गई और खेतों में लगी आलू की फसल पानी में ख़राब कर दी ! इस बारिश ने सब कुछ बर्बाद कर दिया है।