बाजरे की सरकारी खरीद को लेकर स्वराज इंडिया की हरियाणा इकाई ने लगाई निगरानी चौकी

ख़बरें अभी तक। हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश में बाजरे की खरीद को लेकर प्रदेश की सभी मंडियों में सरकारी खरीद के भले ही बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हों, लेकिन मेवात जिले की तावडू अनाज मंडी में सरकार के दावे फेल होते नजर आ रहे हैं। जिसको लेकर सोमवार को स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर योगेंद्र यादव ने तावडू अनाज मंडी में उपमंडल अधिकारी कार्यालय के बाहर जिले के किसानों के साथ बाजरे की सरकारी खरीद में हो रहे भेदभाव को लेकर स्वराज निगरानी चौकी लगाई।

योगेंद्र यादव द्वारा लगाई गई इस चौकी में किसानों को बाजरे की बिक्री में हो रही परेशानियों को लेकर लिखित में शिकायत ली गई। स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर योगेंद्र यादव ने कहा कि प्रदेश के अन्य जिलों के अपेक्षा मेवात जिले के किसानों के साथ सरकार बाजरे की खरीद में भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम और रेवाड़ी की मंडियों में बाजरे की खरीद 85% से लेकर 95% तक बड़ी मात्रा में सरकारी खरीद की जा रही है , जबकि मेवात जिले के तावडू अनाज मंडी में किसानों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। यहां पर किसानों के  45% बाजरे की खरीद ही जा रही है, जबकि जिले की अन्य मंडियों में भी इसी प्रकार के हालात हैं। इसीलिए स्वराज इंडिया हरियाणा इकाई ने यह फैसला लिया कि अनाज मंडी तावडू में किसान निगरानी चौकी लगाई जाये। जिसमें किसानों के साथ हो रहे भेदभाव को उजागर किया जायेगा।

योगेंद्र यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि स्वराज इंडिया हरियाणा की इकाई ने प्रदेश के 6 जिलों में बाजरा खरीद का दौरा किया। जिसमें से तावडू मंडी में सबसे ज्यादा भेदभाव नजर आया। यहां के किसानों के साथ इस प्रकार का भेदभाव किया गया , इसके बारे में कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता। उन्होंने कहा कि यदि एक किसान ने 12 एकड़ में बाजरे की फसल के लिए पंजीकरण कराया है, तो केवल उसके 3 एकड़ भूमि का ही पंजीकरण किया गया बाकि 9 एकड़ भूमि का सरकारी रिपोर्ट में कोई बाजरा दर्शाया ही नहीं गया। इसी प्रकार से अन्य किसानों के सामने रजिस्ट्रेशन और सॉफ्टवेयर जैसी संबंधित समस्याएं बिक्री के समय आ रही है। जिसको लेकर जिले का किसान काफी परेशान है और अपनी फसल को आढ़तियों के द्वारा ओने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर है।  सरकार ने भले ही बाजरे की खरीद का सरकारी मूल्य 1950 रूपए निर्धारित किया है, लेकिन किसानों को सरकार द्वारा जारी किया गया समर्थन मूल्य नहीं मिल पा रहा है। जिसके कारण भी किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर योगेंद्र यादव को किसान निगरानी चौकी लगाते समय हुई काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।  स्वराज इंडिया की हरियाणा इकाई द्वारा तावडू अनाज मंडी में किसान निगरानी चौकी लगाई गई तो वहां पर पुलिस प्रशासन द्वारा उन्हें हटाने की कोशिश की गई। जिसको लेकर योगेंद्र यादव और पुलिस कर्मचारियों के बीच नोक झोंक होती नजर आई। लेकिन स्वराज इंडिया हरियाणा इकाई के कार्यकर्ता उपमंडल अधिकारी तावडू के कार्यालय के बाहर चौकी लगाकर जमे रहे और वहां पर पहुंच रहे किसानों की समस्याओं को लिखित में लेते नजर आए।

स्वराज इंडिया द्वारा लगाई गई चौकी में पहुंचे किसानों ने बताया कि उनके साथ सरकारी खरीद के पंजीकरण को लेकर भेदभाव किया गया है। शब्बीर अहमद किसान ने बताया कि उन्होंने 36 एकड़ भूमि पर बाजरे की फसल की बिजाई की थी, लेकिन उनकी केवल 22 एकड़ भूमि का ही पंजीकरण किया गया। बाकि भूमि का कहीं पर भी कोई रिकॉर्ड नहीं दर्शाया गया है। जिसके कारण उन्हें बाजरे की बिक्री में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं 9 एकड़ भूमि पर बाजरे की बिजाई करने वाले किसान नरेश मेहंदीरत्ता ने कहा कि सरकार द्वारा पंजीकरण के लिए एक व्यक्ति को भेजा गया था, लेकिन मेरे बाजरे की भूमि का कहीं पर कोई पंजीकरण नहीं किया गया है।  जिसका मुझे किसी प्रकार का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।