लाहा गांव के खेल स्टेडियम में खिलाड़ियों को नहीं मिल रही मूलभूत सुविधाएं

खबरें अभी तक। खेल स्टेडियम में खेलने आए खिलाड़ियों ने बताया की स्टेडियम में जो पीने के पानी के लिए जलघर बनाया गया है उसका आज तक भी बिजली का कनेक्शन नही किया गया।जिसके कारण खिलाड़ियों को पीने का पानी अपने घर से लेकर आना पड़ता है। उन्होंने बताया कि जब भी यहां युवाओं द्वारा की टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता है तो पीने के पानी का टैंकर वो खुद के पैसे से लेकर आते है।

जिला प्रशासन द्वारा खिलाड़ियों को दी जाने वाली सुविधाओं की पोल लाहा गांव में स्थित खेल स्टेडियम का जलघर खोल रहा है जहाँ जलघर के गेट पर ही बड़ी बड़ी कांटेदार छाड़िया उगr हुई है जिससे पता चलता है कि इस जलघर के अंदर बहुत लंबे समय से कोई आता जाता नहीं है।

क्षेत्र के गांव लाहा  में  जुलाई 2011 में बने खेल स्टेडियम की प्रशासन सुध लेना भूल गया है। इस कारण गांव लाहा का खेल स्टेडियम असुविधाओं के चलते सफेद हाथी साबित हो रहा है।

2011 में क्षेत्र के खिलाड़ियों के लिए स्टेडियम बनाया गया था ताकि प्रतिदिन ग्रामीण खिलाड़ी स्टेडियम में अभ्यास कर सकें। इस स्टेडियम में सुविधाओं का टोटा बना हुआ है। इस कारण खिलाड़ी यहां आने से तौबा करने लगे हैं। खेल ग्राउंड में काफी मात्रा में गड्ढे बने हुए हैं और रोड़ियां कांटेधार झाड़ियां कांग्रेस घास उगी हुई है। यहां पर न तो बिजली की सुविधा है और ही पीने का पानी।

खिलाड़ियों का कहना है कि एक तरफ तो प्रदेश सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही हैं वहीं ग्रामीण स्तर पर किसी प्रकार की सुविधा मुहैया नहीं करवा रही। ऐसे में भला किस प्रकार से अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार हो सकते हैं।