158 साल पुराने कानून को सुप्रीम कोर्ट ने किया खत्म, कहा पति का पत्नी पर मालिकाना हक़ नहीं

ख़बरें अभी तक। व्यभिचार यानि एडलट्री पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने 158 साल पुराने कानून को बदल दिया है. कोर्ट ने कहा है कि पति का पत्नी पर मालिकाना हक नहीं है। आईपीसी की धारा-497 को खत्म करते हुए कोर्ट ने कहा कि विवाहेतर संबंध अपराध नहीं हैं। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा फैसला सुनाते हुए कहा कि लोकतंत्र की खूबी ही मैं, तुम और हम की है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को हमेशा ही सम्मान मिलना चाहिए।

जज मिश्रा ने कहा कि महिला की गरिमा सबसे ऊपर है। महिला के सम्मान के खिलाफ आचरण गलत है और हर पुरुष को यह बात समझनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ में जस्टिस आर.एफ. नरीमन, जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस इंदू मल्होत्रा और जस्टिस ए.एम. खानविलकर शामिल हैं।