गोरखपुर शिक्षा के मंदिर में खाकी का पहरा, हंगामे के बाद चुनाव को रद्द कर विश्वविद्यालय को किया बंद

खबरें अभी तक। गोरखपुर शिक्षा के मंदिर में खाकी का पहरा। जी हां सुनने के थोड़ा अजीब जरूर लग रहा होगा लेकिन पिछले 5 दिनों से दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है। जहां छात्र और छात्राओं की जगह दर्जनों पुलिस वाले नजर आ रहे हैं। ये सारा मामला विश्वविद्यालय के हंगामे के बाद शुरू हुआ और अंत में चुनाव को रद्द कर सुरक्षा के मद्दे नजर विश्वविद्यालय को बंद कर दिया। जिससे छात्रों-छात्राओं को पढ़ाई में काफी मुश्किल हो रही हैं। ऐसे में अब छात्र विश्वविद्यालय गेट के सामने बैठ कर कुलपति के बुद्धि के लिए भगवान से प्रार्थना करते नजर आ रहे है और शुद्धि-बुद्धि यज्ञ कर रहे है।

विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव 13 सितम्बर को होना था। लेकिन 11 तारीख को दो छात्र गुट आपस में भीड़ गए। मौके पर मौजूद पुलिस को स्थिति काबू में करने के लिए लाठी चार्ज तक करना पड़ा। जिसमें आधा दर्जन छात्रों को चोटे भी आई और तभी से विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले तो छात्र संघ चुनाव को ही निरस्त कर दिया और फिर तभी से अभी तक पठन पाठन पूरी तरह से बंद कर दिया। इन सब से हजारों पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को मुश्किलों का सामना करना पढ़ रहा है। वह दूर दराज से इसी उम्मीद में आते है की आज विश्वविद्यालय खुला होगा और वो पढ़ाई करेंगे।

हवन पूजन व सद बुद्धि यज्ञ का नेतृत्व कर रहे छात्र आकाश प्रताप यादव का कहना है कि विश्वविद्यालय के मुखिया कुलपति है और वो जो चाहेंगे वो होगा। उन्होंने तारीख दी कि छात्र संघ चुनाव 13 तारीख को होगा। लेकिन अब उसे रद्द कर दिया, ठीक है। लेकिन विश्वविद्यालय बंद क्यों किये है। बच्चे पढ़ने नहीं आ रहे है, यहा हर जाती धर्म के लोग पढ़ने आते हैं। यहां पुलिस बल और पीएससी लगा दिया गया है। अज्ञात 60 से 70 लोगों के खिलाफ मुकदमा हो गया है।  बच्चे डर से पढ़ने नहीं आ रहे हैं। कहीं हमारे ऊपर भी कही मुकदमा न हो जाए।  हमारी मांग है कि जल्द से जल्द विश्व विद्यालय को खोला जाय, और छात्र संघबहाल हो, क्योंकि हम अपने उत्तराधिकारी को चाहते हैं। क्योंकि ये हमारी आवाज होते हैं। ये हमारी समस्या को सुन कर उसका निदान करते है | हम आज इसलिए कुलपति जी के लिए सद बुद्धि यज्ञ कर रहे हैं।