इंदौरा विधानसभा के मण्ड क्षेत्र को खनन वर्जित क्षेत्र घोषित करने की मांग

ख़बरें अभी तक। शुक्रवार को मंड क्षेत्र के लोगों ने एक ज्ञापन के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री से इंदौरा विधानसभा के मण्ड क्षेत्र को खनन वर्जित क्षेत्र घोषित करने की मांग की। मंड क्षेत्र पर्यावरण संरक्षण समिति के तत्वावधान में एक प्रतिनिमंडल आज एस.डी.एम. इंदौरा गौरव महाजन से मिला व इस संदर्भ में ज्ञापन दिया। लोगों ने बताया कि पिछले 10 वर्षों से उक्त क्षेत्र में 15 स्टोन क्रशर क्रियाशील हैं, जो पत्थर, रेत व बजरी का खनन कर रहे हैं। जबकि 26 अन्य स्टोन क्रशर को स्थापित किए जाने की प्रक्रिया विचाराधीन है। जिसका लोगों ने विरोध किया है। इस अवसर पर उक्त समिति के प्रधान बलबीर सिंह व सचिव हंसराज ने बताया कि मण्ड क्षेत्र में स्थापित क्रशर उद्योगों द्वारा नियमों को ताक पर रखते हुए धड़ल्ले से अवैध खनन कर क्षेत्र की उपजाऊ भूमि को बंजर बनाने का काम किया जा रहा है।

उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए मंड क्षेत्र के लोगों द्वारा मंड क्रशर उद्योग को नो ऑब्जेक्शन लैटर दिए जाने पर भी संबंधित विभागों पर सवाल खड़े किए हैं। लोगों ने आरोप लगाया है कि न केवल विभागों ने नियमों को ताक पर रखते हुए क्रशर उद्योगों को एन.ओ.सी. जारी की बल्कि क्रशर उद्योग भी नियमों का पालन नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि यदि क्रशर उद्योगों को नियमानुसार चलाने को सरकार सुनिश्चित करती है तो ठीक है, अन्यथा अवैध खनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने नियमों की प्रति दिखाते हुए कहा कि क्रशर उद्योग के लिए एक मीटर तक खुदाई हाथ से कर सकते हैं और जे.सी.बी.से खनन किया जाना गैरकानूनी है। बावजूद इसके क्रशर उद्योगों द्वारा मैनपावर की अपेक्षा मशीनरी लगाकर अवैध खनन किया जा रहा है। जिसका मंड क्षेत्र के लोग विरोध करते हैं।