सुमेरपुर कसबे में 168 वर्ष पुराना ऐतिहासिक तीजामहोत्सव मनाया गया

ख़बरें अभी तक। हमीरपुर जिले के सुमेरपुर कसबे में लगभग 168 वर्ष पुराना ऐतिहासिक तीजामहोत्सव बहुत ही भव्य ढंग से आयोजित किया गया. तीन दिन चलने वाले इस मेले में करीब दो दर्जन से अधिक आकर्षक झांकियों के साथ देश जवानों की भी झांकी सजाई गयी. इस महोत्सव को देखने के लिए आस-पास और अन्य दूसरे राज्यों से भी लाखों लोग आते हैं

मान्यता है की भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी को भगवान श्री कृष्ण के जन्म के बाद गोकुल में असुरों का आवागमन शुरू हो गया था जो किसी भी दशा में श्री कृष्ण की हत्या करना चाहते थे. असुर तो सफल नहीं हुए, लेकिन बाल कृष्ण ने स्वयं इन असुरों का वध कर दिया. इसी मान्यता के आधार पर श्री कृष्ण जन्माष्टमी के बाद से क़स्बा सुमेरपुर को गोकुल मानते हुए तीजा महोत्सव का आयोजन किया जाता है और राक्षसों के रूप में तीजा निकलते हैं. जिसमे खासकर बच्चे सबसे बड़ा आनंद लेते हैं.

तीजा महोत्सव शुरू होने से एक सप्ताह पूर्व ही तैयारियों जोर पकड़ लेतीं हैं. तीन दिन पहले से ही दूर-दूर से लोग आकर अपनी दुकाने सजाने लगते हैं. दोपहर होते ही सुमेरपुर की गलियों में दूर-दूर से आने वालों का हुजूम उमड़ने लगता है और छोटी बाज़ार स्थित कृष्ण मंदिर से झांकियां उठ कर पूरे नगर का भ्रमण करतीं हैं. झांकियों के ये सजीव रूप लोगों का मन मोह लेते हैं.

भगवान विष्णू,अर्जुन द्वारा मीन वेध, कुरुक्षेत्र में रथ पर श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश, पुष्पक विमान पर रावण द्वारा सीताहरण, जूले में राधा-कृष्ण, कैलाश पर्वत पर विराजमान भगवान शिव आदि मनमोहक झांकियों के साथ दुश्मनो से लड़ाई लड़ने वाले देश के वीर जावनो की भी झांकी सजाई गयी. पूरे शहर झांकियों के साथ चल रही इस लाखों की भीड़ को देखकर बुंदेलखंड के इस ऐतिहासिक मेले का अंदाजा लगाया जा सकता है. इसी भीड़ को सुरक्षा प्रदान करने के लिए भरी मात्रा में पुलिस बल तैनात किए गए है.