निजी बस ऑपरेटर्स की हड़ताल, मांगे ना माने जाने तक हड़ताल जारी रखने की चेतावनी

खबरें अभी तक। निजी बस ऑपरेटर संघ की हड़ताल का ऊना जिला में खासा असर देखने को मिला। जिला में करीब सवा तीन सौ बसों के पहिये थमने से यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। निजी बसों की हड़ताल के चलते सरकारी बसें यात्रियों से लबालब भरी हुई थी। निजी बस ऑपरेटर्स संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर ने मांगे पूरी ना होने तक हड़ताल जारी रखने और आने वाले दिनों में आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।

डीजल के दामों में लगातार हो रही वृद्धि के विरोध में हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑररेटर यूनियन की राज्य स्तरीय हड़ताल अनिश्चितकाल के लिए सोमवार को शुरू हुई। जिसके चलते पहले दिन ऊना जिला में 300 प्राईवेट बसों के पहिए जाम रहे। यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राजेश कुमार पराशर के नेतृत्व में बस ऑपरेटरों ने ऊना बस स्टैंड पर  सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रौष व्यक्त किया। निजी बसों की स्ट्राईक से आम जनजीवन पर भी खास प्रभाव देखने को मिला। रोजाना हजारों की संख्या में प्राईवेट गाड़ियों में सफर करने वाले यात्री सरकारी बसों या फिर स्वयं के वाहनों से अपने कार्यस्थल तक पहुंचे। वहीं कई क्षेत्रों में सरकारी बसों का टाईम न होने के चलते लोग अपने दफ्तर देरी से पहुंचे। जिला की सडक़े निजी बसों से सुनसान दिखी।

रोजाना निजी बसों में सफर करके हरोली कालेज पहुंचने वाले विद्यार्थियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा और देरी से कालेज पहुंची। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर का कहना है कि डीजल के बढ़ते दामों के चलते अनिश्चिकाल के लिए स्ट्राईक शुरू की गई है। वर्ष 2013 में जब डीजल 46 रुपए लीटर था तो 30 प्रतिशत किराए में बढ़ौतरी हुई थी। लेकिन आज डीजल 76 रुपए पहुंच गया है, लेकिन अभी तक किराए में बढ़ौतरी नही हुई है। हमारी सरकार से मांग है कि 50 रुपए से ज्यादा रेट पर हमें डीजल पर सब्सिडी दी जाए ताकि हम किराए कि इन्हीं दरों पर जनता को बस सुविधा प्रदान कर सके। पराशर ने कहा कि अगर सरकार ने जल्द ही निजी बस ऑपरेटरों की मांगों को ना माना तो निजी बस ऑपरेटर चक्का जाम और आमरण अनशन करने से ही पीछे नहीं हटेंगे।