बुन्देलखण्ड में दही हांडी प्रतियोगिता का किया गया आयोजन

ख़बरें अभी तक। कोर्ट द्वारा दही हांडी प्रतियोगिता के नियमों में सख्ती बरतने के वाबजूद कृष्ण भक्तों का उत्साह बढ़ता जा रहा है श्री कृष्ण जन्माष्टमी में होने वाली दही हांडी प्रतियोगिताएं अब उन क्षेत्रों में भी होने लगी है जहां अभी तक लोग इस तरह कि प्रतियोगिता को सिर्फ सुना या टीवी में देखा करते थे. जी हां हम बात कर रहे है यूपी के बुन्देलखण्ड की जहां आज इस दही हांडी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसको देखने के लिए हजारों लोगों की भीड़ जमा हो गई और ग्वालों की इस अदभुत को देखते ही लोग दांतों तले अंगुलियां दबाने को मजबूर हो गये.

हजारों लोगों की भीड़ के बीच हाथी घोड़ा पालकी जय कंहैया लाल की लगते यह नारे उस दही हांडी प्रतियोगिता का हिस्सा है जो बुन्देलखण्ड के इतिहास में पहले बार आयोजित कि जा रही है बच्चे, बूढ़े, महिलाये सब के सब इस प्रतियोगिता का में बढ़ चढ कर हिस्सा ले रहे है. पन्द्रह फुट की ऊंचाई में बंधी मटकी को फोड़ कर इनाम पाने के लिए लड़कियों और लड़को की टोली संघर्ष कर रही है और एक के बाद मटकी को फोड़ उसका दही अपने साथी ग्वालो को खिला रही है.

दही हांडी प्रतियोगिता का आयोजन हमीरपुर जिला मुख्यालाय में हुआ जिसमे छह टीमों ने हिस्सा लिया. इस प्रतियोगिता का आयोजन रिदम आकदमी की पहल पर किया गया और इसी आकदमी की लड़को और लड़कियों की टीम ने बाजी मार कर सबसे पहले मटकी फोड़ यह प्रतियोगिता अपने नाम कर ली. इस प्रतियोगिता को देखने के लिए सैंकड़ों लोग जमा हुए साथ ही साथ खुद जिले के आधिकारियों ने भाग ले रहे प्रतिभागियों की हौसला अफजाई की.

बुन्देलखण्ड में दही हांडी प्रतियोगिता का पहली बार हमीरपुर जिले में आयोजन हुआ है जिसमें लड़कियों और महिलाओ ने बढ़ चढ़ का हिस्सा लिया और प्रतियोगिता में जीत भी हासिल कर साबित कर दिया कि यहां कि लड़कियों में हुनर और हौसला है लेकीन उन्हें सही मैच की जरुरत है .