युवती ने चौंकी इंचार्ज पर रिश्वत मांगने और अभद्रता करने के लगाए गंभीर आरोप

खबरें अभी तक। पुलिस अधीक्षक के लाख आदेशों के बावजूद भी जिले की पुलिस लगातार पुलिस मित्र के व्यवहार पर खरी नहीं उतर रही है और आये दिन पीड़ित पुलिस पर अभद्रता सहित गंभीर आरोप लगाती है। वहीं दूसरी ओर चौंकी इंचार्ज भी अपने क्रिया कलापों से हरदम सुर्खियों में बने रहते है। इस बार तो एक महिला ने रो रोकर चौंकी इंचार्ज पर मुकदमा दर्ज करने में घूस मांगने व न देने पर अपने पिता को पैर से ठोकर मारने व मुर्गा बनाने का आरोप लगाया है जबकि पुलिस की क्रूरता के कई किस्से आपने फिल्मों में ही देखे होंगे।

आपको बता दें थाना सरेनी के ग्राम पूरे लाला मजरे टीला निवासी रामबरन पुत्र भारत में ऐसे ही एक दरोगा के खिलाफ पुलिस अधीक्षक रायबरेली को एक शिकायती पत्र दिया है। जिसमें आपसी मारपीट में घर मे घुसकर वयोवृद्ध सहित बेटी व बच्चों तक को जमकर पीटा गया लेकिन चौकी इंचार्ज ने मुकदमा लिखने में रिश्वत की मांग की। रिश्वत न देने पर बेटी ने रोरोकर बताया कि चौकी इंचार्ज ने उसके वृद्ध पिता को पैर की ठोकर से मारकर भद्दी भद्दी गालियां देते हुए मुर्गा तक बना डाला।

आपको बता दे कि रामबरन की जमीन को लेकर कुछ पारिवारिक विवाद अपने भाइयों के साथ हो गया था। जिसमें  शिकायतकर्ता के घर में घुसकर कुछ लोगों ने उसकी मां रामेश्वरी एवं पुत्री पिंकी तथा उसके नाती प्रिंस जिसकी उम्र महज 6 वर्ष थी। एवं उसकी पत्नी विद्यावती को बर्बरतापूर्ण मारा गया था। जिसकी रिपोर्ट थाना सरेनी में पीड़ित द्वारा लिखवाई गई थी। थाने से मामले की जांच करने के लिए चौकी प्रभारी गोगासो जय प्रकाश यादव को सौंपी गई थी। जब दरोगा जय प्रकाश यादव पीड़ित के घर पहुंचा तो उसने पीड़ित की मदद करने के बजाय दूसरे पक्ष के ही जैसा बर्ताव करना शुरू कर दिया उसने घर की महिलाओं बुजुर्गों बच्चों सभी को लात घूसों से जमकर पीटा इस पर भी मन नहीं माना तो दरोगा ने वृद्ध रामबरन को घंटों मुर्गा बनवा कर रखा बाद में पीड़ित को ही सुलह के लिए दबाव डालने लगा और यह धमकी देकर डराया कि यदि सुलह नहीं करोगे जो तुम्हारे ऊपर मुकदमा लिख कर जेल भिजवा दूंगा। यहीं नही जिस का विरोध प्रार्थी की पुत्री ने किया तो दरोगा अपना आपा खो बैठा और धमकी दी कि या तो 20000 रूपये दो नहीं तो तुम्हारी बेटी को दहेज में मुकदमा देकर भेजूंगा।

फिलहाल मामला पुलिस कार्यालय मैं संज्ञान में आ चुका है तथा उच्चाधिकारियों द्वारा प्रार्थी को न्याय दिलाने का आश्वासन भी दे दिया गया है। लेकिन हकीकत या है कि दरोगा की इस गुंडागर्दी से पीड़ित का परिवार अभी भी सदमे में है और पुलिस ने इस आरोप को गलत बताया है। लेकिन पुलिस मुख्यालय पर रोरोकर इस घटना को बताने वाली लड़कियों की बात में कुछ तो सच्चाई जरूर है।