‘हरियाणा के पंचायती राज सिस्टम में भ्रष्टाचार का बोलबाला’

ख़बरें अभी तक। हरियाणा के पंचायती राज सिस्टम में आज भी भ्रष्टाचार का बोलबाला है। खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी से लेकर अकाउंटेंट तक विकास कार्यों के नाम पर डेढ़ से तीन पर्सेंट तक रिश्वत लेते हैं यह हम नहीं कह रहे इसका खुलासा खुद पंचायत समितियों के चेयरमैन और उनके प्रतिनिधि कर रहे हैं ।बहादुरगढ़ में पंचायत समिति चेयरमैन संघ के गठन के लिए हरियाणा की सभी पंचायत समितियों के चेयरमैन इकट्ठा हुए थे।

यहां जींद ब्लॉक पंचायत समिति के चेयरमैन प्रतिनिधि धर्मवीर ने खंड विकास एवं पंचायत कार्यालय में फैले भ्रष्टाचार पर जमकर भड़ास निकाली। हरियाणा सरकार से पंचायत समितियों के चेयरमैन को अधिक से अधिक अधिकार दिए जाने की मांग करते हुए उन्होंने कहा के भाजपा सरकार भ्रष्टाचार खत्म करने की बात करती है, लेकिन भ्रष्टाचार खत्म होने की बजाय बढ़ता गया है। उन्होंने कहा कि अगर सही मायने में सरकार भ्रष्टाचार खत्म करना चाहती है तो यह अधिकार पंचायत समितियों के चेयरमैन को दिया जाना चाहिए क्योंकि उन्हें पता है कि भ्रष्टाचार की जड़ कहां है।

उन्होंने बताया कि खंड विकास पंचायत अधिकारी हर काम के बदले तीन प्रतिशत, जेई और एसडीओ भी तीन प्रतिशत और विभाग का लेखाकार भी काम के बदले डेढ़ प्रतिशत की रिश्वत मांगता है रिश्वत ना देने के बदले वह किसी भी फाइल पर दस्तखत करने से मना कर देता है। उन्होंने कहा कि ₹70000 लेने वाला जेई तब तक किसी काम की फाइल पर साइन नहीं करता जब तक उसे तीन प्रतिशत रिश्वत के ना मिल जाए।

अपने साथी चेयरमैनों के सामने सरकार पर अपनी भड़ास निकालते हुए खुद को भाजपा का कहने वाले धर्मवीर ने कहा कि सरकार को पंचायत समितियों को मजबूत करना चाहिए ना कि कमजोर। उन्होंने कहा कि सरकार ने जिला परिषद को तो एसीआर लिखने और 20 करोड़ की ग्रांट देने की घोषणा कर दी लेकिन पंचायत समितियों को कुछ नही दिय्या जबकि 2 करोड़ की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि अपने हाथों को मांगने के लिए अब वह हर स्तर पर जाने को तैयार हैं इसके लिए अगर उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा तो वह इस्तीफा देने को भी तैयार है।