राज्य सरकार ने लिया बड़ा फैसला, 10 नगर निगमों के लिए होगें सीधे वोट

खबरें अभी तक। प्रदेश के नगर निगम चुनावों को लेकर राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब राज्य के 10 नगरनिगमों में मेयर के लिए लोग सीधे वोट डालेंगे। पहले लोग अपना पार्षद चुनते थे जो बाद में अपने मेयर चुनते थे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंत्रिमण्डल की बैठक में प्रदेश में नगरनिगमों के मेयरों का चुनाव सीधे मतदाताओं से करवाने की स्वीकृति प्रदान की गई। मध्य प्रदेश, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखण्ड जैसे राज्य नगर निगमों के मेयर जैसे चेयरपर्सन के चुनाव सीधे पात्र मतदाताओं के जरिये करवाते हैं।

जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने सिफारिश की है कि नगरनिगमों में मेयर की सीटों के चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग के पर्यवेक्षण, निर्देशन तथा नियंत्रण में सीधे करवाए जाने चाहिए। वर्तमान में प्रदेश में 10 नगरनिगम हैं, जो तीन लाख और इससे अधिक के जनसंख्या मानदण्ड के अनुसार समय-समय पर गठित किए गये हैं। इसलिए राज्य निर्वाचन आयोग की सिफारिशों के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है कि प्रदेश में नगरनिगमों के मेयर के चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग के पर्यवेक्षण, निर्देशन तथा नियंत्रण के तहत पात्र मतदाताओं द्वारा सीधे में सीधे करवाए जाएं, जिसके लिए हरियाणा नगरनिगम अधिनियम, 1994 में संशोधन किया जाएगा।

हरियाणा सरकार के द्वारा कल जो फैसला लिया गया कि मेयर  लोगों के द्वारा चुना जाएगा उसको लेकर के हिसार की आम जनता से सवाल पूछे गए तो सभी ने हरियाणा सरकार द्वारा लिए गए फैसले को सहारा और कहा कि हरियाणा सरकार ने यह एक अहम फैसला लिया है और इस फैसले से जनता मेयर चुनकर अपने काम आसानी से करवा सकती है शहर का विकास करा सकती है और मेयर बगैर किसी दबाव के कार्य आसानी से कर सकती है पहले मेयर पार्षदों के दबाव में आकर कार्य करता था और अब मेयर जनता के कार्य खुले तरीके से करेगा।

पहले मेयर चुनने के लिए पार्षदों को खरीदा जाता था जिससे कि भ्रष्टाचार ज्यादा फैलता था इस फैसले के बाद भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा और जनता अपने हिसाब से मेयर चुनेगी और अपने शहर का विकास करवाएगी आम जनता के मुताबिक एक अपील भी की गई है कि खट्टर सरकार ने जो यह फैसला लिया है बहुत ही सराहनीय है और राष्ट्रपति से भी अपील की है कि जिस प्रकार मेयर को जनता चुनेगी उसी की तर्ज पर प्रधानमंत्री को भी जनता के द्वारा ही चुना जाए।