बोरवेल में काम के लिए उतरे दो सगे भाइयों की मौत, रेस्क्यू टीम उपकरण के अभाव के चलते बने तमाशबीन

खबरें अभी तक। कानपुर देहात में उस वक्त हड़कम्प मच गया जब 2 सगे भाई एक बोरवेल में गिर गए। जिसके बाद पूरे इलाके में अफरा तफरी मच गयी। अग्निशमन विभाग और पुलिस विभाग मौके पर पहुंचा। लेकिन उपकरण के अभाव में दोनों तमाशबीन बने खड़े रहे और गांव के लोग बचाव राहत कार्य मे जुटे रहे अग्निशमन विभाग बोरवेल में जहरीली गैस को खत्म करने के लिए सिर्फ पानी डालता रहा। हवा में जेसीबी आती रही इस दरमियान पुलिस विभाग का एक जांबाज़ सिपाही मौत की परवाह किये बगैर नीचे उतरा ओर दोनो भाइयों को बाहर निकाला। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और दोनो भाई मौत की आगोश में समा चुके थे।

दिल दहला देने वाली घटना कानपुर देहात के रसूलाबाद कोतवाली के सरसौली गांव की है। जहां दो सगे भाइयों की बोरवेल में गिर जाने से मौत हो गई। दरअसल गांव में रहने वाले जगजीवन के सात बेटे थे। सब कुछ हंसी खुशी चल रहा था कि अचानक एक खबर ने पूरे घर में मातम पसर गया। लोगों ने आकर बताया कि जग जीवन के दो बेटे राजेश और सत्येंद्र बोरवेल में गिर गए हैं। जिसके बाद घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस और अग्निशमन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू शुरू किया। अग्निशमन विभाग के सिपाही और पुलिस विभाग एक दूसरे का मुंह देखता रहा। क्योंकि जिन इंस्ट्रूमेंट से रेस्क्यू किया जाता है। वह अग्निशमन विभाग के पास नहीं थे। घंटों तक बिना रेस्क्यू किट के चहल कदमी होती रही। अग्निशमन विभाग सिर्फ बोरवेल में पानी डालता रहा ताकि ज़हरीली गैस से दोनों भाई सुरक्षित रहे लगभग 2 घंटे तक JCB मशीन मंगाने के लिए फोन किए जाते रहे लेकिन JCB मशीन नहीं आई। मृतक राजेश और सत्येंद्र का परिवार ज़ारोतार रोता रहा।

दरअसल गांव के मिट्ठु के बोरवेल में कुछ खराबी आ गयी थी और क्योंकि बोरवेल में नीचे लगा पंखा नहीं चल रहा था। मृतक राजेश ओर सतेन्द्र थोड़ा तकनीकी काम जानते थे। लिहाज़ा मिट्ठु ने राजेश ओर सतेंद्र को बोरवेल का पंखा ठीक करने के लिए बुला लिया। बोरवेल जिस घर मे लगा था। वो लगभग एक साल से बंद था। जिसके बाद दोनो सगे भाई राजेश सतेंद्र बोरवेल का पंखा ठीक करने जैसे ही नीचे उतरे ज़हरीली गैस की वजह से खुद को संभाल नहीं पाए। पहले राजेश बोरवेल में गिरा और राजेश को बचाने सतेंद्र भी बोरवेल में कूद गया लिहाज़ा अग्निशमन विभाग के पास उपकरण ना होने की वजह से दोनों भाई लगभग 5 घंटे बोरवेल में पड़े रहे। जिसके बाद पुलिस विभाग के सिपाही अनिल ने अपनी जान जोखिम में डाल कर दोनों को बाहर निकाला। लेकिन जब तक दोनों भाइयों की मौत हो चुकी थी

इस संदर्भ में प्रशासनिक आलाधिकारी अपनी गलतियां छुपा रहे हैं और जेसीबी की ज़रूरत नहीं थी ये बात कह रहे हैं। तस्वीरे बयान कर रही है कि जेसीबी की ज़रूरत थी। क्योंकि ग्रामीणों ने फावड़े से काम घंटो में किया वो काम जेसीबी चंद मिनट में कर देती साथ ही साथ अगर अग्निशमन विभाग के पास ऑक्सीजन किट होती तो शायद राजेश ओर सतेंद्र को बचाया जा सकता था। बहरहाल रेस्क्यू ऑपरेशन के नाम पर मज़ाक हुआ।