बच्चों को रिझाने के लिए सरकारी स्कूल लगातार बन रहे एक्सप्रेस ट्रेन

ख़बरें अभी तक। सरकारी स्कूलों में शिक्षा में सुधार का कार्य जारी है, स्कूल की इमारतों की सुंदरता के लगातार प्रयास हो रहे है। टीचर बच्चों की संख्या, स्कूल को खूबसूरत बनाने में लगे हुए है लेकिन शिक्षा का स्तर सुधारना अभी भी एक बड़ा चैलेंज बना हुआ है।

रामपुर का ये मुहम्मदपुर शुमाली के प्राथमिक विद्यालय को देखकर लगता है, जैसे किसी रेलवे स्टेशन पर आ गए हैं। ऐसा लगे भी क्यों नहीं, स्कूल भवन बिल्कुल ट्रेन जैसा है। इसे देखकर लोग हैरत में पड़ जाते हैं और काफी देर तक निहारते रहते हैं। अक्सर लोगों के मुंह से यही निकलता है, वाह क्या खूब है स्कूल। इसकी यह खासियत छात्रों-अभिभावकों को तो अपनी ओर खींचती ही है अधिकारी भी इस विद्यालय का दौरा करने में दिलचस्पी रखते हैं। यही कारण है कि विद्यालय की छात्र संख्या में पिछले एक साल के अंदर इजाफा हो गया है।

सैदनगर ब्लाक की बगरौआ ग्राम पंचायत के मझरा मुहम्मदपुर शुमाली के इस प्राथमिक विद्यालय को ट्रेन का लुक दिया है सहायक अध्यापक अजीत कुमार श्रीवास्तव ने। इसे हाल ही में मरम्मत के बाद चमकाया गया है। स्कूल को यह लुक शानदार पेंटिंग के जरिये दिया गया है। इसे शिक्षा की मेल नाम दिया गया है। दूर से ही विद्यालय का आकर्षण लोगों को अपनी ओर खींचता है। देखकर लगता है, जैसे सामने ट्रेन खड़ी हो। क्लास रूम में प्रवेश करते बच्चे ऐसे लगते हैं मानो ट्रेन में सवार हो रहे हों। कमरे में आते-जाते बच्चे खुश होते हैं। अभिभावकों को भी यह लुभाता है। पहले स्कूल में 20 ही छात्र ही आते थे। अब छात्र 40 हो गए हैं और रोज पूरे बच्चे आते हैं। आकर्षण बढ़ने से अभिभावक खुद बच्चों को लेकर आते हैं। स्कूल में साइंस लैब भी बनाई गई है।

अजीत की नियुक्ति इस प्राथमिक विद्यालय में दो साल पहले हुई थी। तब से ही वह शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए प्रयासरत हैं।लेकिन अभी भी स्कूल में काफी कमजोर बच्चे भी है जो लिखने पड़ने में बेहद कमजोर है। अजीत बताते है की केवल दो शिक्षक हैं। जिनमें एक एनपीआरसी हैं, इसलिए वह दूसरे काम में भी लगे रहते हैं। शिक्षकों की कमी के चलते अभी शिक्षा के स्तर में काफी सुधार की ज़रूरत है।