रोडवेज की हड़ताल विफल होने के बाद सड़क पर उतरे कर्मचारी

ख़बरें अभी तक। सरकार ने हरियाणा रोडवेज की हड़ताल को विफल कर दिया और बहुत से कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई करते हुए कुछ गिरफ्तारियां हुई है। जिसे लेकर हरियाणा कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारी और कर्मचारी सड़क पर उतर आए और सरकार से मांग की कि एस्मा के तहत किए गए गिरफतार कर्मचारियों को बिना शर्त रिहा करने की मांग की तथा मानसून सत्र में मांगों को लेकर अध्यादेश लाने की मांग की। साथ ही चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो बड़ा आंदोलन होगा। इन्ही मांगों को लेकर रोहतक जिला उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

संघ के प्रांतिय महासचिव विरेंद्र धनखड़ ने कहा कि हरियाणा सरकार के कर्मचारी एस्मा जैसे काले कानून को बर्दास्त नहीं कर सकते हैं। हरियाणा सरकार ने रोडवेज की जायज मांगों लेकर की गई हड़ताल को तोड़ने के लिए जो बल प्रयोग कर दमकारी नीति को अपनाया है। हर किसी को आंदोलन करने का अधिकार है। एस्मा के तहत बहुत से कर्मचारी गिरफ्तार किए गए है। वे मांग करते हैं कि उन्हें बिना किसी शर्त के तुरंत रिहा किया जाए। वहीं हरियाणा सरकार का मानसून सत्र कल से शुरू हो रहा है। जिसमें सरकार मांगों को लेकर अध्यादेश लाए, साथ ही विपक्षी दल भी एस्मा जैसे कानून पर अपनी स्थित स्पष्ट करें।

धनखड़ ने कहा कि अपने चहेतों को लाभ देने के लिए हरियाणा रोड़वेज को सरकार निजिकरण की ओर धकेल रही है। अगर कोई आवाज उठाता है तो लोकतंत्र का गलाघोटने का काम किया जा रहा है। किसी भी कर्मचारी ने सरकार को हड़ताल ना करने का कोई एफिडेवट नहीं दिया था। सरकार खुद ही बैकफूट पर आ रही है। लेकिन कर्मचारी सरकार की दमकारी नीति के सामने नहीं झूकेगा। अगर सरकार ने मांगे नहीं मानी तो आपातकालिन बैठक बुला कर आंदोलन का एलान कर दिया जाएगा।