सुप्रीम कोर्ट का फैसला समलैंगिकता अपराध नहीं

ख़बरें अभी तक। समलैंगिकता को अवैध बताने वाली IPC की धारा 377 की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने गुरुवार को दो वयस्कों के बीच सहमति से बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अपराध मानने वाली धारा 377 को खत्म कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को मनमाना करार देते हुए व्यक्तिगत चुनाव को सम्मान देने की बात कही है. बता दें कि 17 जुलाई को शीर्ष कोर्ट ने 4 दिन की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.

बेंच ने माना कि समलैंगिकता अब अपराध नहीं. लोगों को अपनी सोच बदलनी होगी. समलैंगिक लोगों को सम्मान के साथ जीने का अधिकार है. मैं जो हूं वो हूं. लिहाजा जैसा मैं हूं उसे उसी रूप में स्वीकार किया जाए- दीपक मिश्रा, कोई भी अपने व्यक्तित्व से बच नहीं सकता है.