गुरुग्राम में रोडवेज हड़ताल का सबसे ज्यादा असर, दो यूनियन हड़ताल में शामिल नहीं

ख़बरें अभी तक। हरियाणा सरकार ने हरियाणा राज्य परिवहन के कर्मचारियों की हड़ताल को विफल करने के लिए बेशक एस्मा (आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून) लगा दिया हो लेकिन आज रोडवेज बसों का चक्का जाम का असर दिख रहा है. कर्मचारियों को ना तो कोई एस्मा का डर है ना वे बसों को चलने दे रहे है.

सभी आठ कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी एक मंच पर सरकार के विरोध में खड़े होने का दावा कर रहे हैं। लेकिन जिस हिसाब से बसें चल रही है उस हिसाब से यूनियन नेताओं का दावा फिका पड़ता दिख रहा है.

वहीं गुरुग्राम डिपो में 225 बसें हैं। इसमें से 109 बसें सिटी बसों के रुप में चलती हैं। 18 बसें वोल्वो की शामिल हैं जो गुरुग्राम चंडीगढ़ के रुट पर चलती हैं। इसके अलावा 89 बसें लंबे रुट के लिए चलाई जाती हैं। यूनियन के नेताओं का दावा है कि लंबे रूट पर जाने वाली सभी बसों को तो मंगलवार शाम को पांच बजे ही के बाद नहीं निकलने दिया गया। बाहर के डिपो से आने वाली बसों को भी डिपो में ही खड़ा कर दिया जाएगा।

बता दें कि हड़ताल पर हाई कोर्ट की रोक और सरकार द्वारा एस्मा (आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून) लागू करने पर भी हरियाणा रोडवेज ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने मंगलवार रात 12 बजे से एक दिन के लिए बसों का चक्का जाम कर दिया है। हालांकि दो बड़ी कर्मचारी यूनियन हड़ताल में शामिल नहीं हैं, फिर भी बस सेवाओं का प्रभावित होना तय है।