एस्मा थोपने के विरोध में हरियाणा ज्वाइंट एक्शन कमेटी अंबाला पहुंची

ख़बरें अभी तक। हरियाणा सरकार द्वारा कर्मचारियों पर लागू एस्मा और काला कानून थोपने की कोशिश की है उसके विरोध में आज हरियाणा ज्वाइंट एक्शन कमेटी की टीम अंबाला पहुंची, 5 सितंबर की रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल होने जा रही है उसका गुस्सा हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों में देखने को सामने आया. यह हड़ताल किसी आर्थिक फायदे के लिए नहीं बल्कि जनता के लिए बसों का किराया बढ़ाने की हमारी मांग है और सरकार हमारे 16 सूत्रीय मांगों को लागू नहीं कर रही है.

5 सितम्बर की राज्य व्यापी हड़ताल और अपनी 16 सूत्रीय मांगों के समर्थन और जनता के फायदे में बसों का किराया बढ़ाने सहित सरकार द्वारा कर्मचारियों पर एस्मा जैसी दमनकारी निति अपनाने को लेकर आज हरियाणा रोडवेज की कर्मचारी  यूनियन की ज्वाइंट एक्शन कमिटी की बैठक अम्बाला में हुई है. इस बैठक में कर्मचारियों में सरकार की नीतियों के प्रति गुस्सा है जिसमे सरकार अपनी जायज मांगों के पार्टी हड़ताल पर चल रहे रोडवेज कर्मचारियों पर एस्मा जैसा दमनकारी निति थोपने का प्रयास किया है.

इसको लेकर कर्मचारियों में रोष व्याप्त है, ज्वाइंट एक्शन कमिटी नेताओं ने दावा किया है कि हमारी इस बैठक में रोडवेज के आलावा अन्य कर्मचारी यूनियन समेत सियासी पार्टी नेताओं ने सहयोग का आश्वासन दिया है. यह सब प्रदेश में जनता की सुविधा के लिए बसों का किराया बढ़ाने, प्राइवेटाइजेशन को रोकने के लिए यह कदम उठाना पड़ा और जनता की जीवन रेखा को भाजपा सरकार जो बंद करना चाहती है इसपर जनता और कर्मचारियों का सहयोग मिला है.

उन्होंने कहा कि पूर्व में सरकार और जवाइंट एक्शन कमेटी बैठकों में समझौता हुआ था उसे लागू किया जाये, सरकार जो किलोमीटर स्कीम पर प्राइवेट बेस लेने का काम कर रही है. उसमें बहुत बढ़ा घोटाला है हम इसकी जाँच की मांग भी करते हैं. अम्बाला में हुई बैठक में एक रणनीति बनाई गई है कि जो सरकार हमारी पिछली 16 सूत्रीय मांग को लागू नहीं कर रही,  दो नीतियां चलाई जा रही है. जबकि 2016-17 की पॉलिसी रद्द करने की बात हुई थी और नाइ पॉलिसी लागू करने का करार भी हुआ  था सरकार उसे नहीं मान रही है. पिछली सरकार के कदम बसों को बदलने के समझौते पर भी यह सरकार खरी नहीं. इसी कारण हम हड़ताल करने पर मजबूर हुए हैं जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार.