14 टॉवरों के करीब 735 घरों में रह रहे है 2 हजार से ज्यादा लोग

ख़बरें अभी तक। बहादुरगढ़ की पहली ग्रुप हाउसिंग सोसायटी ओमैक्स नार्थ एवन्यू में रहने वाले हजारों लोगों का जीवन संकट में हैं। हाई राईज रेजिडेशनल टावर जिन पिलरों पर खड़े हैं उन पर लोड बियरिंग पिलरों की हालत बेहद खराब हो चुकी है। पिलरों में मोटी दरारें आ गई है। जिला नगर योजनाकार विभाग और माईक्रो इंजिनियरिंग लैब की जांच रिपोर्ट में साफ है कि पिलरों की हालत बेहद खतरनाक है। माईक्रो इंजिनियरिंग लैब के कर्मचारी ने तो जांच के बाद कहा है कि पिलर खत्म हो चुके हैं। डीटीपी ने भी ओमेक्स के खिलाफ कार्रवाई के लिये एसटीपी को रिपोर्ट दी है। डीटीपी ने भी अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि रेजिडेन्षल टावरों के पिलरों की हालत बेहद खतरनाक है। यहां रहने वाले लोग परेशान है क्योंकि हर जगह शिकायत के बाद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। बता दें कि यहां 14 टावरों में करीब 735 घर है जिनमें 2 हजार से ज्यादा लोग रह रहे हैं।

कांग्रेस सरकार से सीएलयू और लाईसेंस हासिल कर ओमैक्स ने यहां पहली ग्रुप हाउसिंग सोसायटी बनाई है। हाई राईज रेजिडेशनल के लिये 14 टावरों में करीब 735 घर बनाये। आज के दिन 90 प्रतिशत घरों में लोग रह रहे हैं। लेकिन अब उन घरों पर और उनमें रहने वाले लगभग 2 हजार लोगों के जीवन पर संकट आ गया है। जिस हाई राईज रेजिडेशनल बिल्डिंग में सपने संजोकर लोग रहने आये थे अब वो बिल्डिंग अनसेफ हो गई है। टावर नम्बर 5 के पिलरों में आई मोटी दरारों की जब जांच हुई तो पाया कि जिन पिलरों पर ये बड़े टावर खड़े हैं उनकी हालत बेहद खतरनाक है। जांच टीम के सदस्य ने बताया कि पिलर लगभग खत्म हो गये हैं।

ओमैक्स नार्थ एवन्यू के नाम से बनाई गई इस रेजिडेशनल सोसायटी के हर टावर में मोटी दरारें आई हुई है। सीवरेज भी पूरी तरह से ठप्प है। मोटी दरारों के कारण घरों की बॉलकनी से लैंटर टूटकर गिर रहा है। लोड बियरिंग पिलरों की सीमेंट झड़ने लगी है जंग लगा सरिया खत्म हो रहा है। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि पिलरों की जब स्ट्रैन्थ चैक करवाई तो मशीनी जांच में पाया कि पिलरों की लौड बियरिंग स्ट्रैन्थ काफी कम हो गई है।मषीन की रिडिंग मीडियम लेवल से भी काफी कम आई है। खतरे के बीच रह रहे लोगों का कहना है कि वो हर जगह शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा ।

पिलरों में आई मोटी दरारों को ठीक करने के लिये ओमैक्स प्रबंधन ने कुछ नहीं किया है। जिन पिलरों में दरार आई है उन्हे लोहे के पाईपों का सहारा भर दिया गया है। यहां के निवासी श्रीनिवास गुप्ता ने सीएम विंडो पर भी इसकी षिकायत की थी। जिसके बाद जिला नगर योजनाकार विभाग ने भी लोड बियंरिंग पिलरों की जांच की। एसटीपी को लिखी जांच रिपोर्ट में डीटीपी ने माना की जिन पिलरों की जांच की उनमें से दो तीन की हालत बेहद खतरनाक है। उन्होंने एसटीपी को इन जर्जर पिलरों को ठीक करने के लिये तुरन्त एक्शन लेने की जरूरत बताई है। वहीं जब इस बारे में विधायक नरेश कौशिक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके पास कोई शिकायत ही नहीं आई है।

साल 2006 में ओमैक्स ने बहादुरगढ़ में गु्रप हाउसिंग का काम शुरु किया था। पांच साल बाद साल 2011 में लोगों को यहां पोजेशन देने शुरु किया गया। महज सात साल के अंतराल में इतनी बड़ी बिल्डिंग की हालत जर्जर हो गई है। इससे साफ है कि इन रेजिडैन्षल टावरों के निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल हुआ। जिसका खामियाजा अब यहां रहने वाले लोगों को भुगतना पड़ रहा है। सरकार को चाहिये कि ऐसे बिल्डरों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो ताकि अपने जीवन भर की पूंजी लगाकर छोटा सा घरौंदा खरीदने वाला का भविश्य सुरक्षित रह सके।