रोहित गुर्जर ने एशियन गेम्स में जीता कांस्य

खबरें अभी तक। 18वीं एशियन गेम्स रोईंग के डबल्स स्कलस में कांस्य पदक हासिल करने वाले नारायणगढ़ उपमण्डल के गांव फतेहपुर निवासी रोहित गुज्जर के नारायणगढ़ पहुंचने पर युवाओं द्वारा जोरदार स्वागत किया गया। जैसे ही रोहित गुज्जर स्थानीय सब्जी मण्डी के मैदान में पहुंचे तो युवाओं ने फूल मालायें डालकर विजेता रोहित गुज्जर का स्वागत किया व उसे हार्दिक शुभकामनायें दी। इतनी बड़ी संख्या में युवाओं को देखकर रोहित गुज्जर काफी खुश नजर आये और अपने दोस्तों व क्षेत्र के युवाओं का धन्यवाद किया।

इसके पश्चात रोहित गुज्जर को ओडी गाड़ी में बिठकार नारायणगढ़ से एक रोड़ शो निकाला गया। रोड़ शो के आगे आगे युवाओं के मोटरसाईकिलों व गाडिय़ों का काफिला चल रहा था। यह रोड़ शो सब्जी मण्डी से होता हुआ रायेपुर रानी चुंगी व हुसैनी मोड़,बतौरा रोड़,दनौरा रोड़,लाहा बस स्टैंड से होता हुआ गांव फतेहपुर में पहुंचा जहां पर भी रोहित गुज्जर का जोरदार स्वागत किया गया।

बता दें कि चार वर्ष पहले सेना में भर्ती हुए रोहित ने एक ऐसे गेम्स को अपनाया जिसका क्षेत्र में दूर दूर तक कोई जानकार नहीं है और न ही इस गेम्स के बारे में किसी को ज्ञान है लेकिन अपनी मेहनत के बलबूते पर एशियन गेम्स का पदक विजेता बने रोहित गुज्जर इसमें जीत हासिल करके पदक हासिल किया। जानकारी के अनुसार इंडोनेशिया के जकार्ता में रोइंग पुरूष लाईट वेट  डब्लस स्कल्स प्रतिस्पर्धा में अपने एक अन्य साथी के साथ रेस को 7 मिनट 4 सैकेंड में पूरा करके कांस्य पदक पर कब्जा जमाया और जीत हासिल करके प्रदेश व देश का नाम रोशन किया।

रोहित गुज्जर का कहना था कि मेरा नाम रोहित गुज्जर है और मेरे जो गांव वाले हैं व डिस्ट्रीक्ट स्पोर्टस आफिसर हैं और मेरे फस्र्ट कोच है. वो मेरे को लेने आये और उन्हें देखकर मुझे बहुत खुशी हुई है और मैं युवाओं को संदेश देना चाहता हूं कि जो आगे की पीढि़ है वो भी अच्छा करे और उसका कहना था कि उसका लक्ष्य है कि वह आगे इशियन गेम्स चैंपीयनशिप में मैडल लेकर आये।