हुड्डा विभाग पर एक बार फिर लगा भ्रष्टाचार का आरोप

ख़बरें अभी तक। गुरुग्राम में हुड्डा विभाग का नाम भले ही हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण कर दिया हो लेकिन इस विभाग पर एक बार फिर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. इस बार विभाग के अधिकारियों पर एफएआर में प्राइवेट कंपनी को फायदा पहुंचाने का आऱोप लगा है.

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों पर विनोद नंबरदार नाम के शख्स ने आऱोप लगाया है कि गुरुग्राम के सेक्टर-18 में एक प्राइवेट कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए अधिकारियों की मिलीभग से उस कंपनी के नाम पर जो प्लाट है उसके मालिक को फायदा पहुंचाया गया है. जिसमें प्लाट पर जो एफएआर लिया जाना था उसकी रकम से करीब 8 करोड़ रुपए कम कंपनी से लिया गया.जो सीधा सीधा भ्रष्टाचार को इशारा करता है.

गुरुग्राम के सेक्टर-18 में स्थित इस प्लाट का साइज 13 हजार 5 सौं 19 वर्ग मीटर है.जिसपर करीब 125 प्रतिशत एफएआर बढ़ाया गया था.जिसकी राशी लगभग 40 करोड़ 55लाख 70 हजार रुपए बनती है.लेकिन हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की तरफ से प्राइवेट कंपनी से ही इस प्लाट पर लगने वाले एफएआर का हिसाब मांगा गया.कंपनी की तरफ से एफएआर की जो कैल्कूलेशन दी गई उसमें इस राशी को 32 करोड़ 44 लाख रुपए बनाया गया.जो कि करीब 8 करोड़ रुपए कम दर्शाया गया है और ये पहली दफा हुआ है कि सरकारी विभाग खूद उस प्राइवेट कंपनी से एफएआर पूछ रहा है…जिससे विभाग को इस राशी को वसूल करना था.

वहीं एक सवाल यहां ये भी खड़ा होता है कि एक से दो दिन के अंदर ही इस पूरे मामले को निपटाया गया. आनन फानन में इस कंपनी की फाइल को कम एफएआर जमा कराकर बंद कर दिया गया. फिलहाल इस मामले में विनोद ने जो कागजात विभाग से निकलवाये है वो दावा कर रहे है कि कंपनी को विभाग के कुछ अधिकारियों ने फायदा पहुंचाया है. वहीं एचएसवीपी के अधिकारियों की माने तो इस एफएआर को पंचकूला दफ्तर से ही कैल्कूलेशन किया गया था. जिसमें विभाग की तरफ से कुछ कमी नहीं है और यदि इस तरह का कोई भी विवाद या मामला है तो उसकी जांच कराई जायेगी. लेकिन इस बीच एक बार फिर विभाग को हर बार की तरह विवादों के कटघरे में जरुर खड़ा कर दिया है.