मोदी के कारण विदेशी नौकरी छोड़, गांव में बकरी चरा रहा ये शख्स

खबरें अभी तक। डा. अभिषेक भराड पर महाराष्ट्र के अभिषेक अपने बलबूते पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक-इन-इंडिया के सपने को साकार कर रहे हैं. बुलढाणा जैसी छोटी सी जगह से ताल्लूक रखने वाले इस शख्स ने युवाओं को ऐसी प्रेरणा दी है कि इलाके का हर युवा इनकी तरह बनना चाहता है. देश में ऐसे युवाओं की बड़ी संख्या है जो विदेशों में जाकर नौकरी करने का सपना देखते हैं, लेकिन अभिषेक अपने विदेश की नौकरी छोड़कर वापस अपने देश आ गए और खेती करने लगे.

यह बात जानकर आपको अटपटी जरूर लगेगी, पर यही सच है. जी हां, युवा वैज्ञानिक अभिषेक ने अमेरिका की नौकरी छोड़कर अपने गांव आ गए और खेती के साथ-साथ बकरी पालने लगे. आज की तारीख में अभिषेक बकरी पालन से लाखों कमा रहे हैं और साथ ही हजारों किसानों को दिशा भी दिखा रहे हैं. उनका गोट फार्म देखने के लिए देशभर से हजारों लोग उसके गांव पहुंचते हैं.

अभिषेक के पिता भागवत भराड सिंचाई विभाग में इंजीनियर थे, उनका सपना था कि बेटा पढ़ाई कर अच्छी नौकरी करे और ऐसा हुआ भी. जब अभिषेक को अमेरिका में नौकरी मिली तो उन्हें लगा कि उनका सपना पूरा हो गया. अभिषेक ने साल 2008 में पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ से बीएससी की और उसके बाद अमेरिका के लुइसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी से मास्टर्स और डाक्टरेट पढ़ाई की. इसके बाद साल 2013 में बतौर साइंटिस्ट उनकी नौकरी लुइसियाना यूनिवर्सिटी में ही लग गई. जहां उन्होंने 2 सालों तक काम किया. लेकिन अभिषेक का नौकरी में मन नहीं लगा और वो नौकरी छोड़कर भारत वापस आ गए.